इंदौर। लौंग और कपूर का हर पूजा पाठ में उपयोग किया जाता है। लोग ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घरों में लौंग और कपूर के नियमों को मानते हैं। घर की महिलाएं लौंग और कपूर पूजा करते समय जलाती हैं।
लौंग और कपूर का उपयोग करने के फायदे तो हैं, लेकिन वह तभी मिलते हैं जब हम नियमों के अनुसार ही उन्हें जलाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में साफ बताया गया है कि कैसे लौंग और कपूर हमें फायदा पहुंचाते हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया कि घर में सुख शांति के लिए लौंग और कपूर को जलाने का सही समय और बर्तन का इस्तेमाल बहुत जरूरी है।
किस बर्तन में जलाने चाहिए लौंग और कपूर
भारत में कुछ लोग लौंग और कपूर को जलाने के लिए स्टील का बर्तन रखते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग मिट्टी के बर्तनों का ही इस्तेमाल करते हैं। शास्त्रों में साफ दिया गया है कि स्टील के बर्तनों में लौंग और कपूर को जलाना अशुभ माना गया है। स्टील की धातु अपवित्र होती है। स्टील के बर्तनों का उपयोग घर में नकारात्मकता लेकर आता है। स्टील के बर्तनों को वास्तु में खराब माना गया है। इसके प्रयोग से राहु का दुष्प्रभाव घर में होने लगता है।
मिट्टी का बर्तन पवित्र होता है, इसलिए पूजा पाठ के दौरान मिट्टी के ही बर्तनों का उपयोग किया जाता है। फिर भी लौंग और कपूर को मिट्टी के बर्तनों में जलाने से बचना चाहिए। इसमें लौंग और कपूर को जलाने से नकारात्मकता बढ़ती है, क्यों कि यह तामसिक पूजा मानी गई है। लौंग और कपूर को पीतल के बर्तनों में जलाना चाहिए। घर में सकारात्मकता बढ़ती है।
Disclaimer
लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।