सहारा इंडिया के चीफ सुब्रत रॉय का मुंबई के एक अस्पताल में मंगलवार की रात निधन हो गया है। वह गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। बीते कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था। आज उनका पार्थिव शरीर लखनऊ लाया जाएगा। लखनऊ में ही उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी। वह एक गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। मुंबई के निजी अस्पताल में बीते कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था। सहारा इंडिया के मुखिया सहाराश्री सुब्रत रॉय के निधन के बाद निवेशकों के मन में एक सवाल है कि अब क्या उन्हें निवेश की गई राशि मिलेगी या नहीं। आपको बता दें कि कुछ महीने पहले सहारा निवेशकों को उनकी निवेश की गई राशि वापस देन के लिए सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया था। सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी क्या निवेशकों को वापस मिलेगा उनका पैसा? यहां जानें सहारा रिफंड से जुड़े सवालों के जवाब।
सहारा इंडिया में करोड़ों निवेशकों की जमा-पूंजी जमा
उनके निधन के बाद जहां एक ओर शोक का माहौल है वहीं दूसरी तरफ निवेशकों के मन में कई सवाल आ रहे हैं। निवेशकों के मन में अब सवा है कि जो कुछ महीने पहले सहारा रिफंड पोर्टल के जरिये निवेश की गई राशि वापस मिल रही थी क्यो वो अब प्रक्रिया रुक जाएगी। आपको बता दें कि सहारा इंडिया में करोड़ों निवेशकों की जमा-पूंजी जमा है। इसके लिए सहारा ग्रुप (Sahara Group) के 4 कोऑपरेटिव सोसाइटी जिम्मेदार है।
निवेशकों की राशि मिलेगी वापस
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सहारा ग्रुप को आदेश दिया था कि वह निवेशकों को ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाए। इस आदेश के बाद केंद्र सरकार ने निवेशकों के पैसे वापस देने के लिए सहारा रिफंड पोर्टल शुरू किया था। इस पोर्टल पर आवेदन देने के बाद निवेशकों को उनकी राशि वापस मिल जाएगी।
रिफंड के लिए केवल ऑनलाइन ही क्लेम
आपको बता दें कि रिफंड के लिए केवल ऑनलाइन ही क्लेम किया जा सकता है। इसके अलावा यह पूरी तरह से निशुल्क है। अगर निवेशक को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी आती है तो वह टोल फ्री नंबरों ( 1800 103 6891 / 1800 103 6893 ) पर संपर्क कर सकते हैं। पिछले 11 साल में सेबी ने निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये वापस किये हैं। निवेशकों द्वारा निवेश की गई राशि सेबी के पास है और यह ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को ही मिलेगी।
पूरा मामला
सहारा इंडिया के पतन की शुरुआत प्राइम सिटी के IPO से हुई थी। इस धोखाधड़ी का पता चलने के बाद सेबी ने सहारा इंडिया के सेबी अकाउंट को फ्रीज कर दिया और केस दायर किया। इस केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुब्रत रॉय को दो साल तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। वह 2016 में पैरोल पर जेल से बाहर आए थे।