मणिपुर पुलिस ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के आरोप में एक आदिवासी संगठन के वरिष्ठ नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस के अनुसार इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के महासचिव मुआं टोम्बिंग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। टोम्बिंग ने हाल ही में कहा था कि कुकी समुदाय का अलग मुख्यमंत्री और अधिकारी होंगे, चाहे केंद्र सरकार उन्हें मान्यता दे या नहीं दे।
टोम्बिंग ने यह भी कहा था कि पिछले एक महीने से योजना बनाई जा रही है कि तेंगनोउपल, कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में कुकी समुदाय के लोगों द्वारा ही शासन किया जाएगा। टोम्बिंग के खिलाफ चुराचांदपुर थाना प्रभारी एन. थांगजमुआन ने शिकायत दर्ज की थी। मणिपुर सरकार ने आईटीएलएफ द्वारा स्वशासन के आह्वान की निंदा की और इस घोषणा को गैर कानूनी व असंवैधानिक करार दिया। शिक्षा मंत्री टी. एच. बसंतकुमार सिंह ने कहा, ”यह गैर-जिम्मेदाराना बयान राज्य में कानून- व्यवस्था बिगाड़ने के उद्देश्य से दिया गया प्रतीत होता है।”
अभी तक 160 से अधिक लोगों की मौत
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य की आबादी में मेइती समुदाय की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और उनमें से ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।