नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने मोबाइल सिम कार्ड बेचने के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। भारत सरकार के दूरसंचार विभाग ने देश में लगातार सामने आ रही धोखाधड़ी की घटनाओं के बाद ये सिम बेचने वालों के लिए सख्त नियम बनाए हैं।
विभाग के पास ऐसे मामले सामने आए थे जिसमें एक व्यक्ति के डाक्यूमेंट्स का उपयोग करके हजारों सिम कार्ड जारी कर दिए गए। इस तरह की धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद इनके खिलाफ सरकार ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। अब देश में सिम कार्ड खरीदने से लेकर इसे एक्टिवेट करने तक के लिए सख्त नियम लागू कर दिए गए हैं।
सिम कार्ड के जरिए धोखाधड़ी पर एक्शन में सरकार
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक सरकार ने धोखाधड़ी में शामिल 52 लाख सिम कार्ड बंद कर दिए हैं। 60 हजार वाट्सएप अकाउंट को भी ब्लाक कर दिय गया है। सिम कार्ड बेचने वाले डीलर्स को भी ब्लैकलिस्ट किया गया है। इसके साथ ही धोखाधड़ी करने वाले 300 लोगों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया है। धोखाधड़ी कर पैसा ट्रांसफर करने के लिए उपयोग किए जा रहे 8 लाख बैंक वालेट अकाउंट को भी फ्रीज कर दिया गया है।
ये है सिम कार्ड बेचने के लिए नए नियम
– सभी टेलीकाम कंपनियों को सिम कार्ड बेचने के लिए दुकानों का केवायसी अनिवार्य रूप से कराना होगा।
– केवायसी कराए बिना सिम कार्ड बेचते हुए पकड़े जाने पर हर दुकान के हिसाब से 10 लाख रुपये का फाइन लगेगा।
– दूरसंचार विभाग द्वारा जारी किए गए यह नए नियम एक अक्टूबर की तारीख से लागू हो जाएंगे। सभी दूरसंचार कंपनियों को 30 सितंबर तक अपनी दुकानों का केवायसी करवाना होगा।
सिम कार्ड लेने के लिए नए नियम
सिम कार्ड खरीदने के लिए भी नय नियम बनाए गए हैं। इसमें अगर आपका सिम कार्ड खो जाता है या खराब हो जाता है तो इसके लिए वापस सिम कार्ड जारी कराना होगा। पहले सिम कार्ड खरीदते वक्त की आधार नंबर लिया जाता था।