पाकिस्तान में अक्सर अल्पसंख्यकों को ठेस पहुंचाने के लिए शर्मनाक हरकतें की जाती हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार यहां एक बार फिर सिखों की भावनाओं को आहत करने का नया मामला सामने आया है। यह मामला पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा से जुड़ा है जिसने सिखों की भावनाओं को आहत कर दिया है।सिख समुदाय के लोग अब पाकिस्तान की सरकार से सख्त एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं। क्रिकेट वर्ल्ड कप से ठीक एक दिन पहले 18 नवंबर को को सिखों के पवित्र करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के परिसर में एक पार्टी का आयोजन किया गया, जिसमें पाकिस्तान के कई बड़े अफसर मौजूद रहे। शर्मनाक बात यह रही कि इस पार्टी में बारबेक्यू लगाया गया, जिसमें मांस से बनी चीजें पकाई गईं और पार्टी में शराब भी परोसी गई।
पाकिस्तान की इस हरकत के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करतारपुर गलियारे का प्रबंधन करने वाली एक पाकिस्तानी सरकारी एजेंसी ने शनिवार 18 नवंबर को गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर के दर्शनी देओरी (मुख्य प्रवेश द्वार) के पास डिनर का आयोजन किया। इस डिनर पार्टी में लाइव संगीत और नृत्य हुआ। डिनर पार्टी में नॉन वेज खाना परोसा गया। सूत्रों ने बताया कि गुरुद्वारा के प्रवेश द्वार से बमुश्किल 20 फीट की दूरी पर मांसाहारी व्यंजन परोसे गए। परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैयद अबू बकर कुरैशी और कई अन्य ने गुरुद्वारा दरबार साहिब के ग्रंथी ज्ञानी गोबिंद सिंह की उपस्थिति में किराए पर बुलाए गए कलाकारों द्वारा संगीत पर नृत्य किया।
सूत्रों ने बताया कि इस डिनर पार्टी में कई सिख आमंत्रित किए गए थे। पार्टी लगभग तीन घंटे तक चली। यह जानने के बाद कि पार्टी गुरुद्वारे के मुख्य द्वार से 20 फुट की दूरी पर है और इसमें मांसाहारी खाना परोसा जाएगा, संगीत और नृत्य भी होगा, कई सिख आमंत्रित लोगों ने इस रात्रिभोज में भाग लेने से खुद को अलग कर लिया। एक पाकिस्तानी सिख नेता ने कहा कि वह पार्टी में ज्ञानी गोबिंद सिंह की उपस्थिति पर आश्चर्यचकित थे। उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले, गुरुद्वारा पार्टियों के लिए जगह नहीं है। दूसरा, PMU के CEO और नरोवाल जिले के सरकारी अधिकारियों सहित मेहमानों द्वारा नृत्य के दौरान ग्रंथी को अगली पंक्ति में देखा गया था।’
उधर, अबू कर कुरैशी ने इस आरोप को खारिज किया है। अबू नेकहा कि पार्टी गुरुद्वारा दरबार साहिब से लगभग 1.5 किमी दूर हुई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह गुरुद्वारा परिसर के भीतर न हो। उन्होंने कहा कि, ‘इसलिए, सिख मर्यादा (धार्मिक आचरण संहिता) इस विशिष्ट स्थान पर लागू नहीं होती है। इसके अलावा, यह कोई डांस पार्टी नहीं थी। सिखों और मुसलमानों की नियमित शाम की प्रार्थना के बाद ही गायन शुरू हुआ। सारा रजा खान जैसे कलाकार, जिन्होंने भारत में भी प्रदर्शन किया है, संगीत कार्यक्रम का हिस्सा थे। केवल कुछ ही मेहमानों ने नृत्य किया।’ बता दें कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को सिखों के सबसे पवित्र पूजा स्थलों में गिना जाता है। यह वह जगह है जहां पर गुरु नानक देव ने अपने जीवन के 18 साल बिताए थे। गुरुदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से गलियारे के माध्यम से एक दिन की तीर्थयात्रा करने वाले भारतीयों सहित दुनिया भर से श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं।
घटना सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और सिख नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा,’मैं गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के पवित्र परिसर के अंदर शराब और मांस खाने से जुड़ी अपवित्र घटना की कड़ी निंदा करता हूं। यह निराशाजनक है कि करतारपुर गुरुद्वारा प्रबंधन समिति भी इसमें शामिल थी। पाकिस्तानी अधिकारियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मैं सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ संपूर्ण और त्वरित कार्रवाई के लिए पाकिस्तान सरकार से तत्काल आग्रह करता हूं। पाकिस्तान सरकार को अल्पसंख्यकों की आस्था को कम नहीं करना चाहिए।