भोपाल। विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कांग्रेस ने पार्टी के शाजापुर जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह बंटी को पद से हटा दिया। उन्हें नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब भी मांगा गया है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो उनको पार्टी से निष्कासित भी किया जा सकता है।
कांग्रेस मुख्यालय में किया था विरोध प्रदर्शन
शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेंद्र सिंह बंटी टिकट मांग रहे थे लेकिन पार्टी ने रामवीर सिकरवार को प्रत्याशी बनाया। इसके विरोध में योगेंद्र ने समर्थकों के साथ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय आकर विरोध प्रदर्शन भी किया और निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह ने उन्हें चुनाव न लड़ने के लिए तो मना लिया था, पर वह अंदर ही अंदर पार्टी प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा रहे थे।
जिलाध्यक्ष पद से हटाया
आरोप है कि उन्होंने अपने समर्थकों को भाजपा की सदस्यता भी दिलवाई। प्रत्याशी रामवीर सिकरवार ने उनकी भूमिका को लेकर संगठन में शिकायत की थी। इसकी पुष्टि हो जाने पर मतदान के बाद कांग्रेस हाईकमान ने योगेंद्र सिंह बंटी को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया। पार्टी के संगठन प्रभारी प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव सिंह ने बताया कि अनुशासनहीनता पर योगेंद्र सिंह को पद से हटाया गया है और संगठन विरोधी कृत्य के लिए नोटिस देकर उनसे सात दिन में जवाब मांगा गया है। जवाब के आधार पर उनके विरुद्ध आगे कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।