सिवनी। आंवला नवमीं का त्यौहार 21 नवंबर को मनाया जाएगा। पूजन का शुभ शुभ मुहूर्त सुबह 6:27 से 7:36 बजे और सुबह 10:12 से 11 तक तक अमृत काल में रहेगा। सुबह 11:35 से 12:19 बजे तक अभिजीत मुहूर्त और दोपहर 12:36 से 3 बजे तक महेंद्र काल में सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है।
कार्तिक शुक्ला नवमीं पर आंवले के पेड़ का पूजन व इसके नीचे भोजन करने का अतिशय महत्व है
स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषविद आरके श्रीवास्तव ने बताया कि कार्तिक शुक्ला नवमीं पर आंवले के पेड़ का पूजन व इसके नीचे भोजन करने का अतिशय महत्व है। मंगलवार को नवमीं तिथि सूर्योदय से पूरे दिन व मध्य रात्रि के बाद 1:10 बजे तक रहेगी।
स्कंद पुराण में वर्णन, आंवला वृक्ष साक्षात विष्णु भगवान का स्वरूप
स्कंद पुराण के अनुसार आंवला वृक्ष साक्षात विष्णु भगवान का स्वरूप है। विशेषकर कार्तिक मास में इसका महत्व और बढ़ जाता है। क्योंकि कार्तिक मास में विष्णु भगवान के सहित 33 कोटि देवता आंवले के वृक्ष के नीचे रहते हैं। साथ ही सभी तीर्थ गंगादि पवित्र नदियां भी कार्तिक मास मे आंवले के वृक्ष के नीचे रहती हैं। आंवले के पेड़ के चारों ओर की भूमि अत्यंत पवित्र व सभी तीर्थों से युक्त रहती है।
परिक्रमा तथा सूत्र (धागा) लपेटने का विशेष महत्व
अक्षय नवमीं के दिन आंवले का पूजन उसकी परिक्रमा तथा उसमें सूत्र (धागा) लपेटने का विशेष महत्व होता है। आंवले के पेड़ के समीप स्नान, दान, जप, यज्ञ, हवन पूजन व उसके नीचे भोजन करने से अनंत गुना पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे ब्राह्मण, साधु-संतों तथा दीन दुखियों को भोजन कराने से कई गुना फल प्राप्त होता है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार यथाशक्ति दूसरों को भोजन कराने के बाद स्वयं को भोजन करना चाहिए।
सीलादेही में मां अन्नपूर्णा का विशेष पूजन
नागपुर रोड पर स्थित सीलादेही पहाड़ी पर विराजमान मां वैष्णोदेवी धाम में धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा स्थापित की गई है। वैष्णोदेवी धाम समिति द्वारा यहां पर प्रतिदिन 56 भोग लगाने के साथ ही पूजन अर्चन किया जा रहा है। सुबह 7 बजे आरती के बाद विभिन्न कार्यक्रम हो रहे हैं। समिति सदस्यों ने बताया कि 21 नवंबर को आंवला नवमीं पर यहां विशेष आयोजन किया जाएगा। दोपहर 2 बजे से स्थानीय कलाकार संगीतमय भजनों की प्रस्तुति देंगे। साथ ही आंवला नवमीं पर यहां पूजा करने बड़ी संख्या में यहां महिला-पुरूष पहुंचेंगे।