देवास । शहर की पहचान माता टेकरी अब नए रूप में नजर आएगी। मां तुलजा भवानी और चामुंडा के वास के कारण जिस शहर का नाम देवास पड़ा, उन्हीं माताओं के चरणों में शहरवासियों के शीश झुकेंगे। वंदन और अभिनंदन होगा। आराधन और सुमिरन होगा। एक-दो या नौ दिन नहीं बल्कि मार्गशीर्ष माह से चैत्र मास तक।
आयोजन की शुरुआत संस्था देववासिनी करेगी, लेकिन सहभागिता होगी समूचे शहर की। हर वार्ड से श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया जाएगा। पीले चावल भेंट कर निमंत्रण देंगे और छह दिसंबर (शौर्य दिवस) से आयोजन आरंभ होगा।
माता टेकरी पर विराजित मां तुलजा भवानी और चामुंडा माता की महाआरती के लिए संस्था देववासिनी ने नवाचार किया है। माता टेकरी पर महाआरती की शृंखला आयोजित की जा रही है। इसकी तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है और समिति की बैठक हो रही है। कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई जा रही है। खास बात यह है कि इसमें वार्डवार लोगों को जोड़ा जा रहा है और लगभग सभी वार्डों से लोगों को जोड़ा जाएगा।
6 दिसंबर से होगी शुरुआत
संस्था देववासिनी छह दिसंबर से अपने आयोजन को शुरू करेगी। इसी दिन पहली महाआरती होगी, जो चैत्र मास तक चलेगी। महीने में प्रत्येक शनिवार-रविवार को मां तुलजा भवानी-चामुंडा माता की महाआरती होगी। प्रत्येक आरती में अलग-अलग वार्ड के लोग शामिल होंगे। छोटे वार्डों को एक साथ शामिल किया जाएगा।
फूल बंगला सजेगा और आतिशबाजी की जाएगी। दीप स्तंभ दीपों की रोशनी से जगमग होगा। शुरुआत में यह तय किया गया था कि कम से कम 51 महाआरती हो, लेकिन अब यह तय किया गया है कि संख्या में न बांधते हुए अधिक से अधिक महाआरती हो सके। वार्ड स्तर पर टोली बनाई जाएगी। वरिष्ठ जन घर-घर पीले चावल देकर आयोजन के लिए लोगों को आमंत्रण देंगे। वार्डों की समिति में 20 से 30 लोग शामिल होंगे। वार्डों के बड़े मंदिरों में आयोजन को लेकर फ्लेक्स लगाए जाएंगे।
पिछले साल हुआ था सप्तशती का आयोजन
पिछले साल 6 दिसंबर को माता टेकरी पर सप्तशती के अनुष्ठान का आयोजन विद्वान आचार्यों के मार्गदर्शन में हुआ था। इसके बाद से ही माता टेकरी को लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही थी। इसके बाद इस साल 6 दिसंबर से महाआरती की शृंखला का आयोजन होगा। देवास में पहली बार इस तरह का आयोजन हो रहा है। अब तक नवरात्र या कुछ विशिष्ट तिथियों-संयोगों में ही माता टेकरी पर आयोजन होते रहे हैं। लगातार चलने वाला आयोजन पहली बार होगा, जिसमें समूचे शहर को बुलाया जाएगा।