रतलाम। औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने नर्सिंग कालेज के नाम पर विद्यार्थियों व शासन से धोखाधड़ी करने के मामले में करीब आठ वर्ष से फरार आरोपित 40 वर्षीय नवीन सैनी पुत्र भंवरलाल सैनी निवासी मंदसौर को गिरफ्तार किया है।उसकी गिरफ्तारी पर एसपी ने दस हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
पुलिस के अनुसार एसपी राहुल कुमार लोढा, एएसपी राकेश खाखा व सीएसपी अभिनव कुमार वारंगे के मार्गदर्शन में आरोपित नवीन सैनी की तलाश के लिए औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा के नेतृत्व में सायबर सेल के साथ संयुक्त टीम गठित गई थी।
टीम को उसके बारे में जानकारी मिली कि वह मंदसौर में है। टीम ने घेराबंदी कर उसे मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में नवीन ने उसके द्वारा वर्तमान में मंदसौर, नीमच, उज्जैन व उदयपुर में भी नर्सिंग कालेज संचालित करना बताया है।
उक्त नगरों में संचालिच कालेजों की मान्यता के संबंध में संबंंधित विभाग से जानकारी ली जा रही है। नवीन की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम में एसआइ पंकज राजपूत, एएसआइ रायसिंह रावत, प्रधान आरक्षक तपेश गौसाई, सायबर सेल के प्रधान आरक्षक हिम्मत सिंह शामिल थे।
जांच में फर्जी पाई गई थी प्लेटिनम एकेडमी नामक संस्था
पुलिस के अनुसार 2015 में डा. एमबी शर्मा नर्सिंग कलेज काटजू नगर में जनरल नर्सिंग स्टूडेन्ट (जीएएम) की प्रथम एवं ततीय वर्ष की परीक्षा में स्थानीय प्लेटिनम इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग डायमंड एकेडमी मोहन नगर व अन्य कालेजों के विद्यार्थी शामिल हुए थे।
एकेडमी के विद्यार्थियों के प्रवेश-पत्र में प्लेटिनम इंस्टीयूट आफ नर्सिंग डायमंड एकेडमी मोहन नगर रतलाम उल्लेख था व उक्त विद्यार्थी उसी एकेडमी में अध्यनरत होना बताया गया था। एकेडमी के नियमित संचालन के संबंध में संदेह होने पर जांच की गई तो प्लेटिनम इंस्टीयूट आफ नर्सिंग डायमंड एकेडमी मोहन नगर रतलाम नाम की कोई संस्था संचालित नही होना पाई गई।
आरोपित नवीन सैनी द्वारा एकेडमी मोहननगर में संचालित होना बताई थी, जबकि वह वास्तव में अस्तित्व में नहीं थी। विद्यार्थियों को प्रवेश नियमित आधार पर देना बताया था, लेकिन जांच में विद्यार्थियों का नियमित होना नहीं पाया गया था।
विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र पर प्राचार्य के हस्ताक्षर एक समान नहीं थे। विद्यार्थियों से अवैध रूप से लाभ अर्जित कर उनके व शासन के साथ धोखाधडी करने पर 15 सितंबर 2015 को औद्योगिक क्षेत्र थाने पर आरोपित नवीन के खिलाफ भादंवि की धारा 420 में प्रकरण दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान प्रकरण में धारा 467, 468 बढ़ाई गई थी।