इंदौर। इंदौर में यातायात की सुविधा के लिए पश्चिमी रिंग रोड का निर्माण किया जाना है। यह सड़क पीथमपुर के आगे एबी रोड से शुरू होकर, धार रोड, उज्जैन रोड को क्रास कर शिप्रा के पास एबी रोड से मिलेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा इसका निर्माण किया जाना है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू की है।
इसको लेकर अभी से किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि कई स्थानों पर जमीन का बाजार मूल्य अधिक है, जबकि मुआवजा कम मिल रहा है। धार रोड, उज्जैन रोड और मांगल्या क्षेत्र में जमीनों का बाजार भाव करोड़ों रुपये है।
पश्चिमी रिंग रोड में जमीन अधिग्रहण को लेकर किसान विरोध कर रहे हैं। विरोध मुआवजे को लेकर है। किसान नेता हंसराज मंडलोई ने कहा जब तक बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा किसानों को नहीं मिलेगा तब तक जमीन नहीं देंगे। मंडलोई ने कहा- सरकार ऐसी नीति बनाएं ताकि अन्नदाता खुशी-खुशी अपनी जमीन दे सके। व्यापारियों उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की नीयत से पश्चिमी रिंग रोड की घोषणा की गई है।
उसके कारण हजारों किसान बर्बाद हो जाएंगे, क्योंकि सरकार किसानों की जमीन सस्ते में लेकर उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है। पहले भी जिन किसानों की जमीन सरकार ने विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए अधिग्रहित की वह किसान बर्बाद हो गए।
बाजार भाव से चार गुना मुआवजे की मांग
ग्राम बरलाई जागीर के किसान प्रहलाद डाबी का कहना है कि मेरी भी जमीन पश्चिमी रिंग रोड में जा रही है। मेरे गांव में जमीन का भाव डेढ़ से दो करोड़ रुपये बिघा है। जबकि गाइडलाइन के हिसाब से मुझे मात्र 9 लाख रुपये बीघा के हिसाब से जमीन का मुआवजा मिलेगा। ऐसी स्थिति में हमें भूखे मरने की स्थिति आ जाएगी। मांगलिया हर्निया के किसान कैलाश चौधरी ने भी अपनी व्यथा बताते हुए कहा की समझ में नहीं आता के विकास के नाम पर किसान हम गरीबों की बलि लेने पर क्यों आमादा है। ग्राम धतुरिया के किसान दीपक सांखला ने बताया कि करोड़ों रुपये कीमत की जमीन कौड़ियों के भाव में क्यों दें। जमीन चाहिए तो बाजार मूल्य से चार गुना ज्यादा कीमत का मुआवजा सरकार किसानों को दे।