इंदौर। सनातन धर्म में सूर्य का खास महत्व है। ग्रहों के राजा सूरज मजबूत है या कमजोर, यह जन्म कुंडली में महत्वपूर्ण होता है। भास्कर की स्थिति व्यक्ति के जीवन का भाग्य निर्धारित करने में सहायक है। कुंडली में रवि को मेष, सिंह, वृश्चिक, कुंभ और धनु राशि में मजबूत योगकर्ता माना जाता है। अगर जन्म पत्रिका में सूर्य अनुकूल हो तो व्यक्ति को प्रसिद्धि मिलती है। बौद्धिक क्षमता अच्छी होती है। उसे सरकारी विभाग में उच्च पद मिलने की संभावना होती है। ऐसे लोगों को पिता का सुख मिलता है। अगर कुंडली में आदित्याय बलवान और शुभ प्रभाव में हो तो व्यक्ति की ख्याति दुनिया भर में फैलती है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का महत्व
अगर कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो जातक का स्वास्थ्य खराब रहता है। पिता से मतभेद बना रहेगा। सरकारी मामले सुलझाने में परेशानी होगी। समाज में बदनामी की संभावना रहती है। व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जो लोग सिगरेट, नॉन वेज, शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, वे सूर्य की कृपा से वंचित रहते हैं।
सूर्य को मजबूत करने के उपाय
1. अगर कुंडली में सूर्य कमजोर है तो सुबह सूरज को अर्घ्य देना चाहिए।
2. बड़ों का सम्मान करें।
3. रविवार का व्रत रखें और अपनी क्षमता के अनुसार दान करें।
4. सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए रविवार के दिन लाल वस्त्र का दान करें। अगर दान करने में असमर्थ है तो लाल रंग के कपड़े पहनें।
5. सूर्य को मजबूत करने के लिए ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
6. अगर सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं तो 11 रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करें। इस दौरान नमक युक्त भोजन से परहेज करना चाहिए।
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