वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं, निवेशक न घबराएं, अच्छे बहुमत से सत्ता में लौट रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2024 में ‘अच्छे बहुमत’ के साथ सत्ता में वापसी करने का दावा करते हुए सोमवार को कहा कि इसे लेकर वैश्विक निवेशकों को ‘घबराने की जरूरत नहीं है।’ सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तेज करने के लिए व्यवस्थागत सुधार लागू करने को प्रतिबद्ध है।
आम चुनावों के नतीजों को लेकर थोड़ा भी घबराने की जरूरत नहीं हैः सीतारमण
वित्त मंत्री ने ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ की तरफ से आयोजित एक ऑनलाइन चर्चा में शामिल होते हुए कहा, “निवेशकों को अप्रैल-मई 2024 में होने वाले आम चुनावों के नतीजों को लेकर थोड़ा भी घबराने की जरूरत नहीं है।” उन्होंने कहा, “निवेशकों का उम्मीद भरा इंतजार करना सामान्य है और मैं इसे समझ सकती हूं। लेकिन मेरे साथ कई लोगों की भारतीय अर्थव्यवस्था पर नजर है, राजनीतिक माहौल पर नजर है, जमीनी स्तर की वास्तविकताओं को देख रहे हैं। आज स्थिति यही है कि प्रधानमंत्री मोदी वापस आ रहे हैं और अच्छे बहुमत के साथ आ रहे हैं।”
इस सरकार ने एक के लिए नहीं बल्कि सबके लिए काम किया हैः सीतारमण
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कई पहल की हैं जिससे हर भारतीय के जीवन में बदलाव आया है और कारोबारी माहौल में सुधार हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस सरकार ने एक के लिए नहीं बल्कि सबके लिए काम किया है। रोजगार के मोर्चे पर उन्होंने कहा कि सरकार हर महीने आयोजित होने वाले रोजगार मेलों के जरिए इस साल दिसंबर तक देश के युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने के लिए प्रतिबद्ध है। इनमें से लगभग आठ लाख नौकरियां इस साल अब तक दी जा चुकी हैं। वित्त मंत्री ने जलवायु कार्रवाई के बारे में कहा कि भारत अपने पैसे से इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने जीवाश्म ईंधन की जगह स्वच्छ ऊर्जा अपनाने को वित्तपोषण के लिए उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक चुनौती बताया।
सीतारमण ने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप संपर्क गलियारा (आईएमईसी) पर इजराइल और फलस्तीन में चल रहे संघर्ष के असर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह एक दीर्घकालिक परियोजना है और यह किसी एक प्रमुख घटना पर निर्भर नहीं होगा। प्रस्तावित गलियारे के निर्माण पर सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। यह एक बहुआयामी आर्थिक गलियारा है जिसमें जहाज, रेल और सड़क के कई नेटवर्क शामिल हैं।