मध्य प्रदेश में बिजली कंपनी के एई को 12 हजार रुपए की घूस लेते हुए लोकायुक्त पुलिस के दल ने रंगे हाथों पकड़ा
उज्जैन। लोकायुक्त पुलिस के दल ने एमपीईबी के सहायक यंत्री को नए व्यवसायिक विद्युत कनेक्शन देने के एवज में 12 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। सहायक यंत्री ने एमपीईबी के एक विद्युत ठेकेदार के माध्यम से रिश्वत राशि मांगी थी। लोकायुक्त पुलिस के उप पुलिस अधीक्षक राजेश पाठक ने बताया कि एमपीईबी के ठेकेदार राधेश्याम सिसोदिया निवासी ग्यारसी नगर भैरवगढ़ ने लोकायुक्त को शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत में बताया गया था कि ठेकेदार सिसोदिया ने अपने क्लाइंट तृप्ति गुप्ता निवासी आनंद गंज के झिरी के नए होटल के लिए विद्युत कनेक्शन की फाइल एमपीईबी के सहायक यंत्री मणिशंकर को प्रस्तुत की थी। सहायक यंत्री मणिशंकर ने विद्युत कनेक्शन की फाइल स्वीकृत करने के लिए 12 हजार रूपए रिश्वत मांगी थी। इसके बाद ठेकेदार सिसोदिया ने लोकायुक्त एसपी को रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। लोकायुक्त पुलिस ने जब इस मामले में जांच कराई तो शिकायत सही पाई थी।
इसके बाद पूरी तैयारी के बाद एई को ट्रेप करने के लिए लोकायुक्त ने ठेकेदार राधेश्याम सिसोदिया के माध्यम से सहायक यंत्री मणिशंकर को 12 हजार रूपए की रिश्वत देने के लिए इंदौर गेट स्थित पूर्णानंद गणेश मंदिर के पास बुलाया था। सहायक यंत्री मणिशंकर द्वारा रिश्वत राशि लेते ही लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों उसको पकड़ लिया। एमपीईबी यंत्री जो राशि मांगी थी उसमें 11 हजार रूपए अपने स्वयं के लिए और 1 हजार रूपए क्षेत्र के लाइनमैन विनायक राव के लिए मांगे थे।
ठेकेदार का कहना है कि एमपीईबी के सहायक यंत्री द्वारा नए विद्युत कनेक्शन की फाइल पर रिश्वत राशि की मांग की जाती है।