MP Election Result 2023: उज्जैन जिले में हर सियासी कयासों पर भारी पड़ा मोदी का चेहरा और लाड़ली बहना योजना
उज्जैन। जिले की सातों विधानसभा सीटों पर कांटे की लड़ाई का अनुमान लगाने वाले राजनीतिक विश्लेषकों और सियासी पंडितों को चुनाव परिणामों ने चौंका दिया। क्षेत्रवार परिणाम देखें तो तराना, महिदपुर और उज्जैन दक्षिण को छोड़ किसी भी सीट पर कांग्रेस कोई चुनौती पेश नहीं कर पाई। 2018 के चुनाव में यहां चार सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार पस्त दिखाई दी। सियासी गलियारों के हर कयास पर लाड़ली बहना योजना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा भारी पड़ा।
इस चुनाव में भाजपा, कांग्रेस दोनों ही जिले की सभी सात सीटों पर जीत के दावे कर रहे थे। कांग्रेस सरकार विरोधी लहर, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे और बदलाव की बयार के भरोसे चुनावी मैदान में थी। वहीं भाजपा ने विकास का मुद्दा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांगा। लाड़ली बहना योजना का भी खूब प्रचार किया। मतदान और फिर 30 नवंबर को एक्जिट पोल आने के बाद दावे बढ़े और नेताओं की धड़कनें भी बढ़ी। परिणाम के साथ ही जिले में भाजपा एक बार फिर अपना परचम लहराने में कामयाब हो गई।
उत्तर, बड़नगर, घट्टिया, नागदा में एक तरफा जीत
जिले की उज्जैन उत्तर, बड़नगर, घट्टिया और नागदा में भाजपा प्रत्याशियों ने कांग्रेस पर एक तरफा लीड ली, जबकि नागदा सहित घट्टिया और उत्तर क्षेत्र में कांटे की टक्कर बताई जा रही थी। नागदा से भाजपा प्रत्याशी डा. तेजबहादुर सिंह चौहान, घट्टिया से सतीश मालवीय, बड़नगर से जितेंद्र पंड्या और उज्जैन उत्तर से अनिल जैन कालूहेड़ा विजयी हुए।
पिछड़ने के बाद यादव ने बनाई बढ़त
इधर उज्जैन दक्षिण में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने शुरुआती दौर में पिछड़ने के बाद फिर बढ़त बनाई। यहां कांटे का मुकाबला हुआ। तराना से कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक महेश परमार ने भाजपा के ताराचंद्र गोयल को हराकर रिकार्ड बनाया। यहां से पहली बार कोई विधायक दोबारा निर्वाचित हुआ है। महिदपुर में कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश जैन और भाजपा प्रत्याशी बहादुर सिंह चौहान के बीच भी कड़ा मुकाबला रहा। यहां कांग्रेस के दिनेश जैन ने जीत हासिल की।