भारत के हर कोने-कोने में भाजपा की जीत का जश्न कार्यकर्ता मना रहे है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की है और तेलंगाना में उसका प्रदर्शन बेहतर हुआ है। तीन राज्यों में सरकार आने के बाद पीएम मोदी भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और उसकी अगली सुबह संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक गर्मी बड़ी तेजी से बढ़ रही है।
इन राज्यों के नतीजों से साफ हो गया है कि लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षीयों को कड़ी मेहनत करनी पडेगी। सियासी गलियारों में चर्चाएं इस बात की हो रही हैं कि बिहार में जातिगत जनगणना के आधार पर लिए गए बड़े फैसले और अखिलेश यादव के पीडीए जैसे फॉर्मूले पर बिसात बिछाने वाली लोकसभा की सियासत में मोदी की ये चार जातियां क्या बड़ा गुल खिलाएंगी। फिलहाल भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “गरीब, युवा, महिला और किसान” जातियों को साधने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से इन चार वर्गों को साधने की तैयारी की है, इससे न सिर्फ जातीयता के समीकरण सधेंगे, बल्कि इन वर्गों के लोगों को जोड़ने का यह बड़ा फॉर्मूला भी सेट किया गया है। इन राज्यों में चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा गया और ‘मोदी की गारंटी’ का असर सबसे अधिक देखने को मिला। मोदी की गारंटी इस चुनाव में विपक्ष के फ्री वादे पर भारी पड़ती हुई दिखाई दी। ऐसे में सवाल है कि क्या पीएम मोदी अपने लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए हैं।
इन चार वर्गों से होगी गेम चेंज
राजनीतिक विश्लेषक प्रभाकर का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी का इन वर्गों का जिक्र करना तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब देश में जातिगत जनगणना की बात तेजी से आगे बढ़ रही हो। और तो और बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद उसके आधार पर नया आरक्षण भी लागू कर दिया जाना, अन्य पार्टियों के लिए सियासी रूप से बड़ा चैलेंज देने जैसा है। उन्होंने कहा कि दलितों से लेकर आदिवासियों और मुसलमानों से पिछड़ा समेत सवर्णों तक में युवा, महिला, गरीब और किसान होते हैं।
फ्री के वादो से नहीं काम से…
भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में सरकारें फ्री के वादों से नहीं, बल्कि काम के दम पर बनती हैं। उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A में शामिल दलों को यह समझने की जरूरत है कि कि वह अभी भी बीजेपी के साथ सीधे मुकाबले में नहीं टिक सकती है। तीन राज्यों में बीजेपी की जीत से इस गठबंधन के भविष्य और कांग्रेस पार्टी के कद पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। भाजपा का मुकाबला करने के लिए मुफ्त सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस का यह विचार कि मुफ्त सुविधाएं ही बीजेपी के हिंदुत्व-राष्ट्रवाद का एकमात्र उपाय नहीं है। कांग्रेस को मोदी के लिए एक वास्तविक योजना बनानी होगी।