दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद से लेकर मिजोरम के मुख्यमंत्री बनने की तरफ बढ़ रहे 73 वर्षीय लालदुहोमा का राजनीतिक सफर बाधाओं से जूझते हुए बीता है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा अधिकारी के तौर पर सेवा दे चुके पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे लालदुहोमा जोरम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
महज 2019 में राजनीतिक दल के तौर पर पंजीकरण कराने वाली जेडपीएम ने निर्वाचन आयोग के अनुसार सोमवार को हुई मतगणना में मिजोरम की 40 विधानसभा सीट में से 27 पर जीत हासिल कर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। लालदुहोमा ने सेरछिप सीट पर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,982 वोट से हराया। तीन दशकों से अधिक समय से पूर्वोत्तर राज्य में मुख्यमंत्री पद दो वरिष्ठ नेताओं- कांग्रेस के ललथनहवला और मिजो नेशनल फ्रंट के जोरमथांगा में से किसी एक के पास जाता रहा है। लालदुहोमा ने पहली बार 1984 में कांग्रेस के टिकट पर मिजोरम विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के उम्मीदवार लालमिंगथंगा से 846 मतों के अंतर से हार गए।
इसके बाद उन्होंने उसी वर्ष उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा और निर्विरोध चुने गए। तत्कालीन मुख्यमंत्री ललथनहवला और कुछ कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगने के बाद जेडपीएम नेता ने 1986 में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी छोड़ दी। लालदुहोमा कांग्रेस छोड़ने के बाद 1988 में दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद बने। मिजोरम विधानसभा अध्यक्ष लालरिनलियाना सेलो द्वारा भी 2020 में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के 12 विधायकों ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि वह 2018 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुने जाने के बाद पार्टी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेकर जेडपीएम में शामिल हो गए थे। लालदुहोमा मिजोरम में दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले विधायक थे, हालांकि वह 2021 में सेरछिप सीट पर उपचुनाव जीतने में कामयाब रहे।
कांग्रेस के अलावा वह एक समय एमएनएफ का भी हिस्सा थे। उन्होंने अपनी पार्टी जोरम नेशनलिस्ट पार्टी बनाई थी और जेडपीएम के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव में लालदुहोमा ने दो सीट- सेरछिप और आइजोल पश्चिम-प्रथम से चुनाव जीता। उन्होंने सेरछिप से निवर्तमान विधायक और पांच बार के मुख्यमंत्री ललथनहवला को 410 मतों के अंतर से हराया था। लालदुहोमा ने बाद में आइजोल पश्चिम-प्रथम सीट छोड़ दी और सेरछिप से विधायक बने रहे।