इंदौर। हिंदू धर्म में एकादशी पर्व का विशेष महत्व है और इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
कब है उत्पन्ना एकादशी
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, मार्गशीर्ष मास की उत्पन्ना एकादशी तिथि की शुरुआत 8 दिसंबर 2023 को सुबह 05.06 बजे पर होगी और इसका समापन 9 दिसंबर 2023 को सुबह 06.31 बजे होगा। एकादशी व्रत के पारण का समय 9 दिसंबर 2023 को दोपहर 01.15 मिनट से 03.20 बजे के बीच होगा।
उत्पन्ना एकादशी पर ये करें उपाय
उत्पन्ना एकादशी तिथि के दिन सुबह जल्द स्थान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। भगवान शालिग्राम की पूजा व ध्यान के बाद धूप और दीप से आरती करना चाहिए और भगवान श्री हरि को भोग लगाना चाहिए। 108 बार ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ के मंत्र का जाप करना चाहिए।
जरूर करें शंख से जुड़ा ये उपाय
यदि किसी जातक को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो एकादशी तिथि पर शंख में गाय का दूध भरकर शंख देवता को पवित्र जल से स्नान करना चाहिए। चंदन अर्पित कर कर विधि-विधान के साथ पूजा करना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती है। वहीं संतान सुख की भी प्राप्ति होती है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’