ब्रेस्ट कैंसर को लेकर महिलाओं में कई भ्रांतियां होती हैं। कुछ महिलाएं ब्रेस्ट की किसी भी गांठ को कैंसर मान लेती हैं वहीं तमाम ऐसी हैं जो ब्रेस्ट की गांठ को नजरअंदाज करती हैं। हालांकि ब्रेस्ट की हर गांठ कैंसर की नहीं होती परंतु गांठ का पता चलते ही चिकित्सीय परामर्श लेना जरूरी होता है।
अविवाहित महिलाओं की संख्या कम है
ब्रेस्ट में गांठ व कैंसर के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं। विवाहित व अविवाहित महिलाएं इनमें शामिल हैं। हालांकि अविवाहित महिलाओं की संख्या कम है। ब्रेस्ट की गांठ व कैंसर को लेकर महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है। ब्रेस्ट की गांठ की जांच कर कैंसर का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
जांच में विलंब नहीं करना चाहिए
डाक्टर के पास विलंब से पहुंचने वाली महिलाएं कहती हैं कि गांठ में दर्द नहीं था इसलिए उन्होंने बीमारी को हल्के में लिया। जबकि ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ हो उसकी जांच में विलंब नहीं करना चाहिए। कुछ अविवाहित युवतियों ने कहा कि उन्हें स्तन में गांठ का पता चल गया था परंतु परिवार से चर्चा करने में असहज महसूस कर रही थीं।
शुरुआती दौर में ब्रेस्ट कैंसर का उपचार संभव
समस्या बढ़ने पर वे डाक्टर के पास पहुंचीं जब तक जोखिम बढ़ चुका था। शुरुआती दौर में ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाए तो इसका सफल उपचार संभव है। मेमोग्राफी जांच से ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाया जा सकता है। ब्रेस्ट में गांठ के आपरेशन की आधुनिक तकनीक मौजूद है।