5 राज्यों में हुए चुनाव में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को जनादेश मिला है। तीन दिन बीत जाने के बाद बीजेपी अभी इन राज्यों में सीएम के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी इस बार नए चेहरों को मौका देना चाहती है इसलिए सीएम के नाम को लेकर देरी हो रही है। राजस्थान की बात करें तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम भी मुख्यमंत्री की रेस में आगे हो गया है।
सीएम पद की दौड़ में तीन नाम सबसे आगे
राजस्थान के सीएम पद की रेस में अभी तक तीन नाम सबसे आगे माने जा रहे थे, जिसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ और दीया कुमारी का नाम शामिल था। वहीं, अब सीएम पद की रेस में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव या लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला का नाम भी शामिल हो गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को साफ सुथरी छवि वाले नेता है। अश्वनी वैष्णव को हाईकमान का भी करीबी माना जाता है और वह पीएम मोदी के पंसदीदा मंत्रियों में से एक हैं।
इसके अलावा गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम भी सीएम पद के लिए आगे आ रहा है। एक ओर जहां इनके केंद्र में और पार्टी के शीर्ष नेताओं ने अच्छे संबंध माने जाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर इन्हें वसुंधरा राजे का विरोधी माना जाता है। राजघराने से ताल्लुक रखने वाली वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान की CM रह चुकी है। हालांकि इस बार बीजेपी ने नए चेहरों को मौका देने की बात कही है, ऐसे में वसुंधरा राजे के नाम पर सस्पेंस जारी है।
बाबा बालकनाथ भी मजबूत दावेदार
राजस्थान के योगी के नाम से मशहूर बाबा बालकनाथ भी राजस्थान के CM पद की रेस में शामिल हैं। बाबा बालक नाथ अलवर से सांसद हैं और तिजारा सीट से विधानसभा चुनाव जीते हैं।राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था के बाबा बालकनाथ बेहतर बिकल्प हो सकते हैं। जयपुर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली दीया कुमारी का नाम भी सीएम पद की रेस में बना हुआ है। बीजेपी वसुंधरा राजे के विकल्प के रूप में दीया कुमारी को सीएम पद सौंप सकती है।
विधायक दल की बैठक के बाद होगा फैसला
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री को लेकर कोई भी फैसला पार्टी की विधायक दल की बैठक के बाद किया जाएगा। जोशी ने कहा कि विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हैं और बैठक तय होते ही जयपुर आ जायेंगे, जिसके बाद आगे प्रक्रिया पूरी होगी।” राज्य की 200 में से 199 सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम रविवार को आए थे। भाजपा को 115 सीटों के साथ बहुमत मिला था लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर संशय बरकरार है।