जबलपुर। शहर की आवोहवा को शुद्ध रखने के साथ ही नागरिकों के मनोरंजन और सैर सपाटे के लिए एक बार फिर 28 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम और अमृत योजना के तहत नगर निगम 28 करोड़ पांच लाख रुपये की लागत शहर की चारों विधानसभा क्षेत्रों के अंतरगत आने वाले पूर्व में निर्मित उद्यानों का जहां कायाकल्प कराया जाएगा वहीं वार्ड स्तर पर नए उद्यान भी विकसित किए जाएंगे हैं।
उद्यानों के विकास की जिम्मेदारी, राशि उद्यानों पर खर्च होगी
नगर निगम के उद्यान विभाग को अमृत योजना व नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम के तहत उद्यानों के विकास की जिम्मेदारी सौंपी है। विभाग द्वारा वर्कआर्डर भी जारी कर दिए गए हैं। ये अलग बात है कि इसके पहले भी करोड़ों रुपये फूंकने के बाद भी शहर की आवोहवा में अब तक खास सुधार नहीं आ पाया है, बीते दिनों हुई हल्की वर्षा के बाद धूप निकलते ही शहर के कई क्षेत्रों में धूल के गुबार उठते रहे। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक अब भी 100 के ऊपर ही रहा, हालांकि बादल और हवा में नमी के चलते सोमवार को जरूर वायु गुणवत्त का स्तर 100 के नीचे आया गया।
अब भी धूल धूसरित हैं सड़कें
शहर में वायु गुणवत्ता सुधारने अब केंद्र सरकार से नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम से करीब 89 करोड़ खर्च करने के बाद भी शहर की सड़कें धूल धूलरित है। मौसम साफ होते ही खराब सड़कों के गड्ढों से उड़ने वाली धूल वातावरण में छा रही है। फ्लाई ओवर निर्माण कार्य क्षेत्र मदनमहल, रानीताल, यादव कालोनी, बल्देवबाग के अलावा चेरीताल, दमोहनाका, अधारताल शहर की सड़कों से उड़ने वाली धूल सांस में घुल रही है, आंखों को प्रभावित कर रही है। चेरीताल, बल्देव बाग में शाम को इस तरह धूल के गुबार उठे कि वाहन चालक और राहगीर परेशान हो गए।
डिवाइडर बने कूड़ादान
नगर निगम द्वारा उद्यानों को विकसित तो किया जा रहा है लेकिन शहर के प्रमुख मार्गों के डिवाइडर पर ध्यान नहीं दे रहा। दमोहनाक चौराहे से दीनदयाल चौक की तरफ जाने वाले डिवाइडर अब भी वीरान है आस-पास के व्यापारी व नागरिक डिवाइडर पर कचरा फेंकने लगे हैं। इसी तरह अधारताल की कालोनियों के डिवाइडर को भी स्थानीय जनों ने कूड़ादान बना लिया है। जबकि नेयर एयर क्लीन प्रोग्राम के तहत शहर के चौराहों का सौंदर्यीकर, वृक्षारोपण सहित डिवाइडर को भी हरा भरना करना है।