Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का काम अब कुछ ही बचा है। बाकी काम हो चुका है। 22 जनवरी को भगवान श्री राम अपने भव्य गर्भ गृह में प्रवेश करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। वहीं, भगवान रामलला के मंदिर में अर्चकों की तैनाती को लेकर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इन दिनों मोहित पांडे नाम के एक व्यक्ति को रामलला का पुजारी नियुक्त किए जाने की बात कही जा रही है।
अयोध्या राम मंदिर के गर्भ गृह की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी।मंदिर में पुजारी के रूप में मोहित पांडे को चुना गया है।जानते हैं इन्हें क्यों चुना गया है रामलला का सेवक। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के गर्भ गृह की प्राण-प्रतिष्ठा और मंदिर के अभिषेक के लिए सोमवार, 22 जनवरी 2024 की तारीख तय की गई है। वहीं 24 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई जाने-माने लोग शामिल होंगे। वहीं प्रधानमंत्री के हाथों रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। फिलहाल मंदिर का कार्य और तैयारी जोरों पर हैं।
लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा
करीब 500 साल की लंबी लड़ाई के बाद श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो पाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के करीब चार साल बाद अयोध्या में निर्माण कार्य शुरू हो पाया, जिसमें लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। कहा जा रहा है कि, अयोध्या में ऐसा राम मंदिर बनाया गया है, जिसे आने वाले हजार वर्षों तक मरम्मत की कोई जरूरत नहीं होगी। इतना ही नहीं नागर शैली में कराए रामलला के इस भव्य मंदिर की पहचान युगों-युगों तक रहेगी। बता दें कि मंदिर का डिजाइन प्रसिद्ध आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा द्वारा किया गया है।
इस बीच राम मंदिर में होने वाली पूजा के लिए पुजारी का चयन भी हो चुका है। खबरों के अनुसार, राम मंदिर में रामलला की पूजा के लिए पुजारी या पुरोहित मोहित पांडे का नाम सामने आ रहा है. मोहित पांडे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से हैं। रामलाल की पूजा के लिए नियुक्त किए जाने वाले पुजारियों के लिए कुछ मापदंड निर्धारित किए गए हैं, जिसमें रामनंदीय परंपरा का विद्वान होना जरूरी है। साथ ही जो पंडित राम मंदिर में पूजा करेंगे, उन्हें वेद, शास्त्र और संस्कृत आदि में विशेषज्ञता भी होनी जरूरी है। इन सभी मापदंडों में मोहित पांडे उत्तीर्ण हुए हैं। आइये जानते हैं राम मंदिर में पुजारी के मोहित पांडे के बारे में ।
कौन हैं मोहित पाण्डेय?
अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के लिए पुजारियों के चयन के लिए बकायदा आवेदन मांगे गए थे। इसमें 3000 उम्मीदवारों को शामिल किया गया। चयन प्रक्रिया में पुजारियों के लिए मापदंड निर्धारित किए गए, जिससे सभी को गुजरना पड़ा। इस प्रक्रिया में 200 आवेदक पुजारी साक्षात्कार तक पहुंचे, जिसमें 50 को पुजारी के रूप में चुना गया। इन्हीं 50 पुजारियों में मोहित पांडे का भी नाम शामिल है, जो इनदिनों खूब चर्चा में बने हुए हैं।
मोहित पांडेय मूलरुप से सीतापुर का रहने वाले हैं। मोहित ने दूधेश्वरनाथ वेद विद्यापीठ में सात साल तक सामवेद की शिक्षा ली। सामवेद की शिक्षा पूरी होने के बाद आचार्य की पढ़ाई के लिए तिरुपति चले गए। आचार्य की डिग्री लेने के बाद वह पीएचडी की तैयारी भी कर रहे हैं। इस बीच खबर आई कि राम मंदिर के पुजारी के रूप में उनका चयन हो गया है। फिलहाल मोहित पांडे साम वेद विभाग में प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि, मोहित पांडे की नियुक्ति अयोध्या रामलला के मंदिर के लिए साम वेद विंग में ‘आचार्य’ के लिए हुई है. नियुक्ति से पहले मोहित पांडे छह महीने की प्रशिक्षण अवधि से गुजर चुके हैं।
बता दें कि, इसी तरह से उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से राम मंदिर के लिए अन्य पुजारियों का चयन हुआ है। ये सभी पुजारी रामानंदीय परंपरा से संबंधित हैं और उन्हें वेद, शास्त्र और संस्कृत में विशेषज्ञता प्राप्त है।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी होंगे आचार्य सत्येंद्र दास
मोहित पांड के साथ ही अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी 83 वर्ष्यी आचार्य सत्येंद्र दास भी चर्चा में बने हुए हैं। ये पिछले 31 सालों से राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी हैं और 1992 में बाबरी विध्वंस से लगभग 9 महीने पहले ही आचार्य सत्येंद्र दास यहां पुजारी के रूप में रामलला की पूजा कर रहे हैं। कहा जाता है कि, 1992 में जब इनकी राम जन्मभूमि मंदिर में पूजा के लिए इनकी नियुक्ति हुई थी, तब इन्हें वेतन के रूप में 100 रूपये मिलते थे। आचार्य सत्येंद्र दास जी साधु बनना चाहते थे।इसलिए इन्होंने अपना घर भी छोड़ दिया और 1958 में अयोध्या आ गए।