इंदौर। इंदौर में बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने के लिए रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने पश्चिमी रिंग रोड का सर्वे पूरा कर रिपोर्ट मुख्यालय भेजी है। मुख्यालय से गांवों और जमीन के खसरा नंबर का प्रकाशन होना है। करीब एक हजार करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
64 किमी में होगा निर्माण
किसान कर रहे विरोध
पश्चिम रिंग रोड के लिए जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की जाना है, वे इसका विरोध कर रहे है। किसानो के विरोध के कारण कई क्षेत्रों में एनएचएआइ अब तक पत्थर लगाने का काम पूरा नहीं कर पाई। किसान गांव-गांव बैठककर अन्य किसानों को जमीन अधिग्रहण के लिए लामबंध कर रहे हैं। किसानों ने 26 दिसंबर को महापंचायत बुलाई है। इसमें इंदौर और देवास जिले के किसान भी शामिल होंगे।
पश्चिमी रिंग रोड के लिए धारा 3ए के तहत गांव और जमीन के खसरा नंबर का प्रकाशन मुख्यालय से होना है। इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया है। इसके बाद धारा 3डी में खसरा नंबर और भूधारक का प्रकाशन होगा। सड़क निर्माण के लिए टेंडर की तैयार भी हो चुकी है।
-सुमेश बांझल, महाप्रबंधक एचएचएआइ