ग्वालियर। फूलबाग से लेकर ग्वालियर दुर्ग तक नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) की सहयोगी संस्था नेशनल हाइवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी (एनएचएलएम) ने फिर से कवायद शुरू की है। एनएचएलएम द्वारा 150 करोड़ रुपये के बजट से इसका निर्माण किया जाना है, लेकिन अपर टर्मिनल पर जमीन के विवाद और अलाइनमेंट फिक्स न होने के कारण एक बार टेंडर प्रक्रिया को निरस्त किया जा चुका है।
मंगलवार को रोप-वे की दिक्कतों को दूर करने के लिए बनाए गए सात सदस्यीय दल के पांच सदस्यों ने अपर टर्मिनल का निरीक्षण किया। अब आगामी 22 दिसंबर को एनएचएलएम के अधिकारी दिल्ली से ग्वालियर आकर दिक्कतों के संबंध में बैठक में चर्चा करेंगे।
सिंधिया स्कूल की ओर से आपत्ति
दरअसल, गत वर्ष केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सितंबर माह में ग्वालियर प्रवास के दौरान रोप-वे के निर्माण के लिए सहमति दी थी। एक माह के अंदर ही एनएचएलएम के अधिकारियों ने ग्वालियर आकर अलाइनमेंट सहित अन्य सर्वे कार्य भी शुरू करा दिए। इसके अलावा किले के अपर टर्मिनल के लिए तलहटी के साथ फूलबाग बारादरी पर मृदा परीक्षण भी करा लिया गया था। रोप-वे की कुल लंबाई 1.88 किमी है और इसका अपर टर्मिनल किले स्थित गुरुद्वारे से कुछ ही दूरी पर बनना है, लेकिन अपर टर्मिनल को लेकर सिंधिया स्कूल की ओर से आपत्ति लगाई गई थी।
22 दिसंबर को ग्वालियर में बैठक
अब एनएचएआइ द्वारा जिला प्रशासन को भेजे गए पत्र के बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के निर्देश पर मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के डिवीजनल मैनेजर राजीव श्रीवास्तव, नगर निगम कालोनी सेल के नोडल अधिकारी महेंद्र अग्रवाल, पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर जगबहादुर सिंह, पुरातत्व व राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मौके पर निरीक्षण किया। बताया जा रहा है कि एनएचएआइ के अधिकारी आगामी 22 दिसंबर को ग्वालियर आकर बैठक करेंगे। इसमें तय हो जाएगा कि ग्वालियर में रोप-वे बन भी पाएगा या नहीं।