सरकार द्वारा 7 दिसंबर को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद थोक बाजारों में प्याज की कीमतें लगभग 50 फीसदी गिर गई हैं। व्यापारियों ने कहा कि खरीफ प्याज की सप्लाई बढ़ने की वजह से आने वाले हफ्तों में कीमतें स्थिर रहने या थोड़ी कम होने की संभावना है। एपीएमसी के आंकड़ों के अनुसार लासलगांव एएमपीसी में प्याज की औसत थोक कीमत 20-21 रुपए प्रति किलोग्राम है, जो निर्यात पर प्रतिबंध लगने से ठीक पहले 39-40 रुपए प्रति किलोग्राम थी। कद्र सरकार ने सबसे पहले प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया था, जिसके बाद 7 दिसंबर को निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। निर्यात प्रतिबंध की घोषणा के तुरंत बाद प्याज की कीमतें गिरने लगीं।
किसानों को निर्यात प्रतिबंध हटाने की उम्मीद
व्यापार के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि निर्यात प्रतिबंध हटाने के लिए आंदोलन कर रहे प्याज किसानों को उम्मीद है कि सरकार इथेनॉल के लिए गन्ने के रस के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के आंशिक संशोधन के समान अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है। मुंबई के एक प्याज निर्यातक अजीत शाह ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि प्याज किसान धीरे-धीरे अपनी फसल बाजारों में ला रहे हैं क्योंकि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि केंद्र सरकार प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटा सकती है।
व्यापारियों ने कहा कि खरीफ प्याज, जिसे लाल प्याज भी कहा जाता है, की सप्लाई काफी बढ़ गई है, जिससे कीमतों पर दबाव बढ़ गया है। हालांकि, महाराष्ट्र के अहमदनगर के एक प्याज व्यापारी नंदकुमार शिर्के ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि देश भर में प्याज की अच्छी मांग… कुछ दिनों तक कीमतों को स्थिर रखने में मदद कर सकती है।