कोरोना के नए वेरिएंट का तांडव: Covid JN.1 के तीन राज्यों में 20 नए मामले सामने आए, WHO ने कहा- ज्यादा खतरा…
भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) 10 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 25 दिसंबर, 2020 को गठित किया था।
केंद्र सरकार ने देश में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी और नए जेएन.1 स्वरूप के सामने आने के बीच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से निगरानी बनाए रखने के लिए कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को देश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा की और कोरोनो वायरस के उभरते स्वरूपों के प्रति सतर्क रहने पर जोर दिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में 21 मई के बाद एक दिन में सबसे अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के 614 नए मामले दर्ज किए गए। इससे साथ ही देश में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 2,311 हो गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के ‘जेएन.1’ स्वरूप के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है। डब्यूएचओ ने साथ ही कहा कि इससे वैश्विक जनस्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा नहीं है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह अब ‘ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा’ (जीआईएसएआईडी) से जुड़े बीए.2.86 वंशानुक्रम (लीनिएज) से संबंधित है। हालांकि, हाल के सप्ताहों में कई देशों में जेएन.1 के मामले सामने आते रहे हैं और वैश्विक स्तर पर इसका प्रसार तेजी से बढ़ा है।