विदिशा। जिले में अच्छी पहल शुरू हुई है। लाड़ली योजना का लाभ छोड़ने जिले में 370 महिलाएं आगे आई हैं। इन महिलाओं ने स्वयं को संपन्न बताते हुए जरूरतमंद महिलाओं को लाभ देने की बात कही है।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से पहले मार्च माह में लाड़ली योजना शुरू की थी। यह योजना इतनी अधिक लोकप्रिय हुई कि प्रदेश भर में इस योजना का लाभ लेने के लिए हजारों की संख्या में आवेदन जमा करने महिलाओं की कतारे लगी रहीं।
सरकार ने भी तीन माह के अंदर ही योजना को अमलीजामा पहनाते हुए जून माह से उनके खातों में 1250 रुपये प्रति माह राशि भेजना भी शुरू कर दिया है, जो लगातार जारी है। इस योजना को विधानसभा चुनाव में हुई भाजपा की बंपर जीत से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
370 महिलाएं आगे आईं
इसी बीच सरकार ने ऐसी महिलाओं से जो योजना का लाभ नहीं लेना चाहती छोड़ने का आह्वान किया था इसके बाद जिले में अभी तक 370 महिलाएं सामने आई हैं जिन्होंने लाड़ली बहना योजना के पोर्टल पर लाभ त्यागने की बात कही है।
महिला बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी भरत सिंह राजपूत ने बताया कि लाड़ली बहना योजना के पोर्टल पर पहले से ही प्रावधान है यदि किसी महिला को लाभ नहीं लेना तो वह त्याग कर सकती है। शहरी परियोजना अधिकारी संजयसिंह का कहना है कि कई महिलाओं ने गलती से आवेदन कर दिया था, लेकिन अब उन्हें लग रहा है कि यह योजना जरूरतमंद महिलाओं के लिए हैं हम संपन्न महिलाएं लाभ लेकर उनका हक छीन रहे तो ऐसी महिलाएं भी लाभ छोड़ने आगे आ रही हैं और कुछ अन्य तरह की महिलाएं भी शामिल हैं।
महिलाएं बोली जरूरतमंदों को मिले मदद
जिले में जिन महिलाओं ने लाभ नहीं लेने आवेदन किए हैं उनका कहना है कि यह योजना जरूरतमंद महिलाओं के लिए बनाई गई है, इसलिए इसका लाभ भी उन्हें ही मिलना चाहिए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिलाध्यक्ष मिथलेश श्रीवास्तव ने बताया कि शहर की गीता दत्ता ने योजना का त्याग कर दिया है। उनका कहना है कि हम संपन्न है, हमारे कारण किसी गरीब का हक छिन रहा है। इसी प्रकार ऊषा त्रिपाठी ने भी योजना का लाभ नहीं लेने के लिए आवेदन किया है। उनका भी यही कहना है कि इस योजना का लाभ जरूरतमंद महिलाओं को मिलना चाहिए।