भोपाल। प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को अब नियमित तौर पर जमीन यानी क्षेत्र के दौरे करने होंगे। नई व्यवस्था के तहत मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव अधिकारियों को भोपाल बुलाने के स्थान पर संभागीय मुख्यालयों पर जाकर बैठकें करेंगे। इसके लिए अपर मुख्य सचिवों को प्रभारी बनाया गया है।
इन्हें दो माह में कम से कम एक बार आवंटित संभाग के जिलों का दौरा करना होगा। मुख्यमंत्री द्वारा जो भी निर्देश बैठक में दिए जाएंगे, उनका पालन सुनिश्चित करने का दायित्व भी इन्हीं अधिकारियों का होगा।
मुख्यमंत्री ने उज्जैन से संभागीय बैठकों की शुरुआत कर दी है। यह क्रम अब लगातार चलेगा। वह जो निर्देश देंगे, उसका पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों की रहेगी।
वरिष्ठ अधिकारियों को यह जिम्मेदारी इसलिए दी गई है ताकि वे आवश्यकता पड़ने पर समस्या का समाधान विभागों के बीच समन्वय बनाकर करा लें।
साथ ही जिलों में केंद्र और राज्य की प्राथमिकता वाली योजनाओं सहित विकास कार्यों का निरीक्षण भी करके रिपोर्ट संबंधित विभाग के साथ मुख्य सचिव को देनी होगी।
मुख्यमंत्री की बैठक में प्रभारी अधिकारी को अनिवार्य रूप से हिस्सा लेना होगा ताकि वह भी जिलों में विकास कार्यों के साथ अन्य स्थितियों से अवगत रहें। प्रत्येक माह वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलेवार समीक्षा भी होगी।