मुरैना। ग्वालियर-मुरैना-आगरा को जोड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) नई सिक्सलेन सड़क बनाने जा रही है। इस सड़क के लिए मुरैना जिले के 145 गांवों से लगभग 45 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी, इसमें लगभग 90 फीसद जमीन किसानों की होगी। एनएचएआइ ने चिह्नित की गई जमीनों के अधिग्रहण के नोटिफिकेशन जारी कर, जमीनों की जानकारी प्रशासन को दे दी है।
नए साल से जिला प्रशासन सिक्सलेन हाइवे के लिए जमीनों का अधिग्रहण शुरू कर देगा। गौरतलब है, कि आगरा से मुरैना होते हुए ग्वालियर तक जाने के लिए अभी नेशनल हाइवे 44 है, जो फोरलेन है, जो वाहनों के लिए संकरा पड़ने लगा है, इस कारण हादसे व जाम की समस्या बढ़ गई है।
इस संकट को दूर करने के लिए एनएचएआइ ने ग्वालियर से आगरा तक 88 किलोमीटर लंबा नया सिक्सलेन रोड बनाने की योजना तैयार की है। इसके लिए अंबाह, पोरसा व बानमोर क्षेत्र के 145 गांवों की 45 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा।
यह 45 हेक्टेयर जमीन सरकारी व निजी क्षेत्र की है। इसमें अंबाह ब्लाक में आने वाले दिमनी के 50 सर्वे नंबरों की जमीन, चिह्नत की गई है, इसमें 44 सर्वे नंबर निजी क्षेत्र की जमीन के हैं और छह सर्वे नंबरों की जमीन सरकारी है।
इसी तरह लहर गांव में 68 सर्वे नंबरों की जमीन का कुछ हिस्सा सिक्सलेन के लिए अधिग्रहण होगा, इसमें केवल एक सर्वे नंबर की जमीन सरकारी है, बाकी 67 सर्वे नंबर किसानों की जमीन के हैं।
अंबाह ब्लाक के ही ऐसाह गांव के 15 सर्वें नंबर की जमीन अधिग्रहित होनी है, इसमें नौ सर्वे नंबर सरकारी जमीन के हैं और छह सर्वे नंबर किसानों की जमीन के हैं। इनके अलावा मुरैना ब्लाक के बानमोर में 12 गांवों की जमीन सिक्सलेन हाइवे के लिए चिह्नित की गई है।
वर्तमान में नेशनल हाइवे 44 ही ग्वालियर-मुरैना-आगरा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क है, जो फोर लेन है। इस फोरलेन हाइवे की क्षमता 20 हजार वाहनों की है, जिस पर वर्तमान में चलने वाले वाहनों की संख्या 42 हजार पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) तक हो गई है, इसीलिए जगह-जगह जाम लग रहे हैं और सबसे ज्यादा हादसे भी आगरा से ग्वालियर के बीच इसी हाइवे पर हो रहे हैं।
नया सिक्सलेन हाइवे बनने के बाद आगरा से ग्वालियर की दूरी 120 किलोमीटर से घटकर 88 किलोमीटर रह जाएगी। इस पर जाम व हादसों की संभावनाएं भी कम हो जाएगी और नेशनल हाईवे 44 पर भी वाहनों का दवाब कम हो जाएगा।
सिक्सलेन हाइवे के लिए जमीन अधिग्रहण होना है, एनएचएआइ ने भी जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हमने आरआई व पटवारियों के दल गठित कर दिए गए हैं, हमारे सर्वे के बाद ही जमीनों का मुआवजा तय होगा। जिन किसानों की जमीन ली जाएगी उन्हें अधिग्रहण के लिए सहमत किया जाएगा।
-अरविंद माहौर, एसडीएम, अंबाह