नई गाइडलाइन से डीजे संचालकों की मुसीबत बढ़ी, अपनी इन मांगों को लेकर प्रदेश भर के डीजे संचालक देंगे धरना
प्रदेश की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सरकार ने सबसे पहले ध्वनि विस्तारक यंत्रों से होने वाले शोरगुल की शिकायतों के बाद गाइडलाइन जारी कर कम आवाज में बजाने के लिए उनके मानक तय कर दिए है जिस पर शाजापुर सहित प्रदेशभर में मंदिर और मस्जिदों से लोगों ने माइक लाउडस्पीकर या तो उतार लिए हैं या बहुत कम आवाज में गाइडलाइन और मानक के अनुसार बजा रहे हैं । लेकिन नई गाइडलाइन सबसे ज्यादा असर शादी विवाह विभिन्न उत्सवों में डीजे का संचालन करने वाले डीजे संचालकों पर पड़ा है। निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार सिर्फ दो बक्सों के साथ इन्हें डीजे बजाने की अनुमति दी गई है। जिसका डीजे संचालक विरोध कर रहे हैं।
गाइडलाइन के चलते नहीं हो रहे ऑर्डर बुक
इनका कहना है कि डीजे के व्यवसाय से जिले में 15 से 20000 के करीब गरीब वर्ग का तपका जुड़ा हुआ है और डीजे व्यवसाय का सीजन भी साल में दो-तीन महीने का ही रहता है अभी जो गाइडलाइन सरकार ने दी है इससे तो डीजे व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है। नई गाइडलाइन के चलते डीजे के लिए ऑर्डर भी बुक नहीं हो रहा है और जिन्होंने बुक कर दिए हैं वह दबाव बना रहे हैं कि डीजे बजाना ही होगा और नहीं बजाएंगे तो बुकिंग का दुगना पैसा वसूल करेंगे।
ऐसे में लोगों का परिवार पाल सके जिसकी रोजी-रोटी डीजे के व्यवसाय से ही चलती है बीते दिनों भी शाजापुर से पोस्टकार्ड लिखकर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम गुहार लगाकर गाइडलाइन में राहत की मांग की थी और अब बुधवार को प्रदेश भर के डीजे संचालक भोपाल पहुंच रहे हैं जहां दो बक्सों के साथ डीजे बजाने की गाइडलाइन में राहत की मांग कर 4 से 6 बक्सों के साथ डीजे बजाने की छूट देने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करेंगे।