भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों का जाल बिछा है, लेकिन भारी वाहनों के कारण नुकसान होता है। इसे रोकने के लिए व्यवस्था बनाएं। वे सड़कें, जहां से भारी वाहन अधिक गुजरते हैं, उन्हें बीओटी (बिल्ट आपरेट एंड ट्रांसफर) माडल पर देने के विकल्प पर भी विचार करें। यह निर्देश मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मंगलवार को पंचायत एवं ग्रामीण विभाग की समीक्षा के दौरान दिए।
सड़कों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं
सीएम ने अधिकारियों से पूछा कि ग्रामीण सड़कों को भारी वाहनों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए क्या व्यवस्था है। इस पर अधिकारियों ने बताया कि अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर सर्वे कराया गया है। लगभग चार सौ करोड़ रुपये का व्यय आना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सड़कों की गुणवत्ता रखने के लिए निरंतर निगरानी की जाए। लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने के निर्देश
सीएम यादव ने मनरेगा के अंतर्गत प्रदेश में मजदूरी दर बढ़ाने के प्रयास के निर्देश दिए। प्रदेश में अभी मजदूरी दर 221 रुपये है, जिसे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है। दो लाख 40 हजार प्रधानमंत्री आवास भी शीघ्र पूरे किए जाएंप्रधानमंत्री ग्रामीण आवास को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक प्रदेश में 35 लाख 60 हजार आवास पूर्ण किए गए हैं। बाकी दो लाख 40 हजार आवासों को भी शीघ्र पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना आवास योजना का लाभ पात्रतानुसार प्रदान किया जाए। कोई भी पात्र वंचित नहीं रहे। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।