महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दावोस दौरे पर जा रहे हैं. सीएम के इस दौरे पर पूर्व मंत्री और वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया है. मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा कि सीएम शिंदे अपने साथ 50 लोगों का प्रतिनिधिमंडल दावोस वर्ल्ड फोरम में लेकर जा रहे हैं, क्या इसके लिए सीएम ने विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय से इजाजत ली है.
‘किस की इजाजत से इतने लोग दावोस जा रहे’
वर्ली विधायक ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि इस साल डेलिगेशन के नाम पर केंद्र सरकार की तरफ से सिर्फ 10 लोगों को ही जाने की इजाजत मिली है. ऐसे में बाकी के 40 लोग क्यों और किसकी इजाजत से जा रहे हैं. क्या सीएम शिंदे ने इसकी इजाजत मंत्रालय से ली है. इस बात की जानकारी सीएम को देना चाहिए. आदित्य ने ये भी कहा कि नियम के तहत जब भी कोई विदेश में किसी आधिकारिक दौरे पर जाता है तो उसे वित्त मंत्रालय और MEA की इजाजत चाहिए होती है.
‘MoU साइन करने के लिए सिर्फ 45 लोगों की जरुरत’
आदित्य ठाकरे ने बताया कि सीएम शिंदे के साथ दावोस दौरे पर 50 लोग जा रहे हैं इनमें उद्योग मंत्री हैं, इनके अलावा एक सांसद और एक पूर्व सांसद है. साथ ही सीएम के तीन पीए, एक उपमुख्यमंत्री के पीए जा रहे हैं और साथ ही कई दूसरे अधिकारी भी जा रहे हैं . उन्होंने बताया कि सीएम अपने साथ दो तीन दलालों को भी ले जा रहे हैं. ठाकरे ने कहा कि जब MoU साइन करने के लिए सिर्फ 45 लोगों की जरुरत होती है तो सवाल उठता है कि आखिर इतने सारे लोगों की वहां क्या जरूरत है, उनका वहां क्या काम है.
’28 घंटे के दावोस दौरे पर किए 40 करोड़ खर्च’
आदित्य ठाकरे ने सीएम पर हमला करते हुए उन्हें अवैध असंवैधानिक सीएम करार दिया. इसके साथ ही उनके पिछले दौरे पर के खर्च पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि पिछले साल एकनाथ शिंदे ने अपने 28 घंटे के दावोस दौरे पर 40 करोड़ खर्च किए थे. इस बार तो वो 50 लोगों का काफिला साथ में ले जा रहे हैं.
आपको बता दें कि स्विट्जरलैंड के दावोस में इस साल विश्व आर्थिक मंच (World economic forum) 16 से 19 जनवरी तक है. जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जा रहे हैं. सीएम ने ऐलान किया था कि उनके साथ प्रतिनिधिमंडल भी दावोस जाएगा.