ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मिसाइल दागीं हैं, जिसमें 2 लोगों की मौत और 3 लोगों के घायल होने की खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान का यह हमला पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे जैश-अल-अदल नाम के आतंकी संगठन के ठिकानों पर था. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि पाकिस्तान की संप्रभुता का यह उल्लंघन बिल्कुल बर्दाशत नहीं है.
सुन्नी आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल ईरान में अक्सर हमले करते रहा है. कुछ समय पहले ईरान के सिस्तान के एक पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में भी इस संगठन का नाम सामने आया था. बताया जा रहा है कि ईरान का ताजा हमला इसी घटना के जवाब में है. हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए हमले के गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. चलिए जानते हैं कि सैन्य शक्ति के मामले में ईरान के मुकाबले पाकिस्तान कितना ताकतवर है.
ताजा रैंकिंग में कौन किस पर भारी?
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की 2024 की रैंकिंग के अनुसार, पाकिस्तान के पास ईरान की तुलना में ज्यादा समृद्ध सैन्य ताकत है. इस इंडेक्स में 145 देशों की सेनाओं को रैंक किया गया है. 2024 की रैंकिग में ईरान 14वें पायदान पर और पाकिस्तान 9वें पायदान पर है. एयर फोर्स, नेवी और थल सेना में पाकिस्तान के पास ज्यादा संसाधन हैं. हालांकि, कुछ मामलों में ईरान पाकिस्तान को कड़ी टक्कर देता हुआ नजर आता है.
ईरान की आबादी 8.75 करोड़ है, जबकि पाकिस्तान की इससे लगभग तीन गुना ज्यादा 24.76 करोड़ है. पाकिस्तान के पास ईरान के मुकाबले दोगुनी ज्यादा मैनपावर हैं. ईरान के पास 4.90 करोड़ और पाकिस्तान के पास 10.64 करोड़ मैनपावर है.
डिफेंस बजट और रिजर्व पर्सनल
एक्टिव पर्सनल के मामले में ईरान और पाकिस्तान में ज्यादा फर्क नहीं है. पाकिस्तान के पास 6,54,00 और ईरान के पास 6,10,000 एक्टिव पर्सनल हैं. लेकिन पाकिस्तान के पास ईरान से 2 लाख ज्यादा रिजर्व पर्सनल मौजूद हैं. कम आबादी होने के बावजूद ईरान की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से कई गुना बेहतर है. ईरान का डिफेंस बजट लगभग 1 हजार करोड़ का है. वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान का बजट मात्र 634 करोड़ ही है. इसके अलावा, पाकिस्तान पर कई गुना ज्यादा पैसों का कर्ज भी है.
पाकिस्तान के पास हैं ज्यादा फाइटर एयरक्राफ्ट्स
अगर पाकिस्तान हवाई हमला करता है तो उसकी सेना के पास 1,437 एयरक्राफ्ट्स है. वहीं, ईरान के पास इसका सामने करने के लिए 551 एयरक्राफट ही हैं. इनमें से भी 186 ही फाइटर एयरक्राफ्ट हैं. इसके अलावा ईरान के डेडिकेटेड अटैक एयरक्राफ्ट की संख्या मात्र 23 है. दूसरी ओर पाकिस्तान के पास 387 फाइटर एयरक्राफ्ट और 90 डेडिकेटेड अटैक एयरक्राफ्ट्स हैं. हेलिकॉप्टर के मामले में भी दोनों देशों के बीच बड़ा फर्क है. पाकिस्तान के पास 352 और ईरान के पास 129 हेलिकॉप्टर हैं. इनमें से पाकिस्तानी सेना में 57 अटैक हेलिकॉप्टर और ईरान की वायु सेना में 13 अटैक हेलिकॉप्टर हैं.
एयरपावर को देखें तो ईरान एक मामले में पाकिस्तान से आगे हैं. उसकी एरियल टैंकर्स की टुकड़ी पाकिस्तान से बड़ी है. ईरान के पास 7 एरियल टैंकर हैं और पाकिस्तान के पास कुल 4. हालांकि, पाकिस्तान के पास ट्रेनिंग देने वाले फाइटर जेट्स 549 हैं, जबकि ईरान के पास ऐसे कुल 102 जेट्स ही हैं. स्पेशल मिशन पूरा करने के लिए उसके पास सिर्फ 10 एयरक्राफ्ट हैं. वहीं, पाकिस्तान के पास ऐसे 25 एयरक्राफ्ट हैं.
जमीनी ताकत में कौन हैं आगे?
जमीनी ताकत में कोई एक देश दूसरे पर भारी पड़ता हुआ नजर नहीं आता. ईरान के पास जहां 65,756 बख्तरबंद वाहन हैं. वहीं, पाकिस्तान के पास लगभग 50 हजार आर्मर्ड व्हीकल ही मौजूद हैं. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना में ईरान से 173 कम यानी 602 मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर्स ही हैं.
टैंकों की संख्या देखें तो पाकिस्तान के पास इनकी बड़ी टुकड़ी है. उसके पास 3,742 टैंक हैं. जिनका सामने करने के लिए ईरान के पास लगभग 2 हजार टैंक ही हैं. सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी के मामले में भी पाकिस्तान आगे है. उसके पास 752 आर्टिलरी हैं. जबकि ईरान के पास मात्र 580 ही हैं. पाकिस्तान के पास खींचकर ले जाने वाली आर्टिलरी भी ज्यादा है. उसके पास 3,238 टोड आर्टिलरी है, जबकि ईरान के पास इनकी संख्या 2,050 ही हैं.
दोनों के पास नहीं है एयरक्राफ्ट कैरियर
अब इनकी समुद्री ताकत भी देख लेते हैं. ईरान के पास कुल फ्लीट 101 है, जबकि पाकिस्तान के पास 14 जहाज हैं. ईरान की नौसेना के पास पाकिस्तान से ज्यादा पनडुब्बी हैं. ईरान की सेना में 19 पनडुब्बियां हैं. वहीं, पाकिस्तान के पास 8 पनडुब्बियां ही हैं. दोनों देशों के पास ही एयरक्राफ्ट कैरियर और हीलो कैरियर नहीं हैं. हालांकि, पाकिस्तान के पास 2 डिस्ट्रॉयर हैं, जो ईरान के पास एक भी नहीं है.
ईरान के पास 3 तो पाकिस्तान के पास 7 कॉर्वेट युद्धपोत हैं. माइन वॉरफेयर की संख्या देखें तो ईरान के पास 1 और पाकिस्तान के पास इनकी मात्रा 3 हैं. पेट्रोलिंग के लिए पाकिस्तान के पास 69 वेसल हैं, जबकि ईरान के पास सिर्फ 21 पेट्रोल वेसल ही हैं.