प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के सोलापुर में PM आवास योजना (PMAY) के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा काश, बचपन में मुझे भी ऐसे घर में रहने का मौका मिला होता। उन्होंने कहा आज पीएम आवास योजना के तहत बनी देश की सबसे बड़ी सोसायटी का उद्घाटन किया गया है। आवास योजना के लाभार्थियों में हथकरघा श्रमिक, विक्रेता, पावरलूम श्रमिक, कचरा बीनने वाले, बीड़ी श्रमिक और ड्राइवर शामिल हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ”मुझे खुशी है कि हमने सोलापुर के हजारों गरीबों और मजदूरों के लिए जो संकल्प लिया था, वह आज पूरा हो रहा है। जिस दिन मैं इस परियोजना का शिलान्यास करने आया था, मैंने आपको गारंटी दी थी कि मैं जल्द ही आऊंगा और आपको अपने घरों की चाबियां दूंगा। पीएम ने कहा मैं इसे देखकर आया हूं। मुझे लगा कि काश, मुझे भी बचपन में ऐसे घर में रहने का मौका मिला होता।
इसके बाद मोदी कुछ सेकेंड के लिए खामोश हुए और भावुक हो गए। प्रधानमंत्री ने कहा मैं यह सब चीजें देखता हूं तो मन को बड़ा संतोष होता है। आज, मोदी ने यह गारंटी पूरी कर दी है। याद रखें, मोदी की गारंटी का मतलब है ‘गारंटी के पूरे होने की गारंटी’! उन्होंने गरीबों के कल्याण के प्रति सरकार के समर्पण और उनके जीवन को आसान बनाने के लिए योजनाओं के कार्यान्वयन पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने पिछली सरकारों के तहत गरीबों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला और 2014 से गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित सरकार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार प्रभु श्री राम के आदर्शों पर चलते हुए यह सुनिश्चित कर रही है कि देश में सुशासन और ईमानदारी रहे।” उन्होंने कहा, “देश में लंबे समय तक ‘गरीबी हटाओ’ के नारे लगते रहे। लेकिन इन नारों के बावजूद गरीबी दूर नहीं हुई। गरीबों के नाम पर योजनाएं तो बनीं, लेकिन गरीबों को उनका लाभ नहीं मिला।” उन्होंने कहा, “बिचौलिए उनके हक का पैसा लूट लेते थे। पहले की सरकारों की नीति, मंशा और निष्ठा कटघरे में थी।”