दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से संबंधित एक धनशोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं- संजय सिंह और मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत शनिवार को तीन फरवरी तक के लिए बढ़ा दी। दोनों तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश हुए। अदालत ने सिंह के करीबी और इस मामले के आरोपी सर्वेश मिश्रा के जमानत आवेदन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। सिंह और सिसोदिया को इस मामले में उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि बीत जाने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश किया गया।
संबंधित अधिकारी ने अदालत से कहा कि आरोपियों को सुरक्षा कारणों तथा गणतंत्र दिवस पर पुलिसकर्मियों की कमी की वजह से प्रत्यक्ष रूप से पेश नहीं किया जा सका। विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने मिश्रा के जमानत आवेदन पर आदेश 24 जनवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया। वह अपने विरुद्ध अदालत से जारी हुए समन पर पेश हुए। न्यायाधीश नागपाल ने मिश्रा और सिंह के खिलाफ आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए उन्हें (मिश्रा को) समन जारी किया था। अपने आवेदन में आरोपी (मिश्रा) ने दावा किया कि ईडी की जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया तथा जांच पूरी हो जाने पर जब ईडी पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है, तब उसके बाद उन्हें जेल भेजने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।
ईडी ने बहस के दौरान उनके जमानत आवेदन का विरोध नहीं किया। अदालत ने सह आरोपी अमित अरोड़ा के जमानत आवेदन पर भी अपना आदेश 24 जनवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया। अदालत ने आप सांसद संजय सिंह और उनके सहयोगी मिश्रा के खिलाफ दाखिल पूरक अभियोजन शिकायत (ईडी के आरोपपत्र के समतुल्य) का 19 दिसंबर को संज्ञान लिया था। चार अक्टूबर को सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था।
ईडी ने पहले अदालत से कहा था कि सिंह दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में शराब (कंपनी) समूहों से रिश्वत प्राप्त करने की साजिश का हिस्सा थे। दिल्ली की आबकारी नीति अगस्त, 2022 में निरस्त कर दी गई थी और दिल्ली के उपराज्यपाल ने बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच का आदेश दिया था।