इंदौर। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का सिर्फ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव ही नहीं है अर्थ जगत भी रामकृपा महसूस करने लगा है। रामोत्सव के रंग में शेयर बाजार भी रंगा नजर आ रहा है। राम मंदिर निर्माण के असर से कई क्षेत्रों में निवेश और शेयरों को अच्छी खासी गति मिलती दिख रही है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम घोषित होने के बाद से रामोत्सव के दौरान कई कंपनियों के शेयरों में अच्छी खासी तेजी देखी जा रही है। इसका सीधा लाभ देश के निवेशकों को मिलने जा रहा है।
बीते कुछ दिनों में अयोध्या के उत्सव के असर से होटल, हॉस्पिटैलिटी, ऊर्जा, खान-पान, हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर वाली कंपनियों के शेयरों में अच्छी खासी तेजी देखी जा रही है। भारतीय प्रतिभूति नियामक आयोग (सेबी) के पैनलिस्ट सीए सुमित सिंह मोंगिया के अनुसार कुछ खास कंपनियों के शेयरों में अच्छी खासी तेजी देखी गई है। वह भले भारतीय रेलवे से संबद्ध आइआरसीटीसी हो या आनलाइन टूर ऑपरेटर कंपनियां जैसे मेक माय ट्रिप या अन्य हों।
साथ ही अयोध्या में टेंट सिटी बनाने वाली प्रवेग जैसी अपरिचित कंपनियों से लेकर अपोलो सिंदूरी जैसी कंपनियों के शेयरों में अचानक चमक देखी गई। इनमें निवेश करने वाले निवेशकों को खासा लाभ भी मिला। इसके पीछे ठोस वजह भी है।
दरअसल, रामोत्सव और जन्मभूमि पर नवनिर्मित मंदिर के लिए इस समय और आने वाले महीनों में भी दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ेगी। इसका सीधा लाभ रेलवे के साथ टूर आपरेटर कंपनियों, टेंट सिटी, होटल उद्योगों को साथ रोड इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर टोल लेने वाली कंपनियों को भी मिलेगा। इन कंपनियों के व्यापार के साथ इनका राजस्व बढ़ेगा। इसका लाभ यह होगा कि शेयरों की कीमतों में तेजी आएगी और बाजार में धन लगाने वाले निवेशकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
पूंजी प्रवाह बढ़ेगा
टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के पूर्व प्रवक्ता और सीए स्वप्निल जैन के अनुसार त्योहार हमेशा से ही अर्थव्यवस्था को गति देने का कारण बनते हैं। दरअसल, त्योहार और सेलिब्रेशन से बाजार में पूंजी प्रवाह बढ़ने लगता है। आम व्यक्ति खर्च करता है और आम व्यापारी कमाई भी करता है। पैसे की गतिशीलता हमेशा अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में मददगार साबित होती है। रामोत्सव के चलते देश में फिर से दीपावली जैसा माहौल है।
धार्मिक, आध्यात्मिक और अन्य उत्सव की गतिविधियों के कारण आम छोटे व्यापारियों के साथ बड़ी कंपनियों को भी लाभ मिलेगा। लोगों को रोजगार भी मिलेगा। आने वाले समय में अयोध्या से लेकर पूरे मार्ग पर तमाम निवेश भी होता नजर आएगा। कुल मिलाकर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन अर्थव्यवस्था को भी पुष्ट करने वाला कारक बनता दिखेगा।