कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का बयान, बोले- ‘अगर पीएम मोदी नहीं होते तो राम मंदिर कभी हकीकत न होता’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर में पहुंच गए हैं। बस कुछ ही देर में राम मंदिर का उद्घाटन समारोह शुरू होने वाला है। भारत वासियों की प्रतीक्षा की घड़ी कुछ ही पलों में खत्म जा रही है। इसी बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी ही पार्टी की आलोचना करते हुए कहा- ‘अगर पीएम मोदी नहीं होते तो राम मंदिर कभी हकीकत नहीं होता। कांग्रेस अक्सर ‘मंदिर वहीं बनाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे’ कहकर बीजेपी पर निशाना साधती रही है।’आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें हिंदू पक्ष के पक्ष में सदियों पुराने राम जन्मभूमि शीर्षक मुकदमे का निपटारा किया गया। कांग्रेस नेता ने राम मंदिर आंदोलन को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के सदस्यों के ‘बलिदान’ को भी स्वीकार किया।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा स्वामित्व विवाद को हमेशा के लिए निपटाने के बाद मंदिर का निर्माण किया गया। लंबी लड़ाई और पुरातत्व सर्वेक्षण के निष्कर्षों को प्राथमिकता देते हुए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भगवान राम कल अपनी जन्मभूमि लौटेंगे। अगर पीएम मोदी न होते तो ये मंदिर कभी नहीं बन पाता। इसलिए मैं राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पूरा श्रेय पीएम मोदी को देना चाहता हूं। कई सरकारें चुनी गईं और कई प्रधानमंत्री आए और गए लेकिन किसी ने भी राम मंदिर के 500 साल के इंतजार को खत्म करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने भी काफी बलिदान दिया, लेकिन अगर मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते तो यह मंदिर कभी वास्तविकता नहीं बन पाता।’
अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के लिए विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ था, क्योंकि भगवान राम की विशेषता वाले कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर अस्वीकार करना भारतीय संस्कृति का अपमान करने के समान था। वह इस कार्यक्रम का निमंत्रण पाकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं।