सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, स्क्रू, हुक, सिक्कों पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5% से बढ़ाकर 15% कर दिया है। भारत में गोल्ड और सिल्वर पर फिलहाल कुल इंपोर्ट ड्यूटी 15 फीसदी (10 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी +5 फीसदी एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) है।
आपको बता दें कि भारत में गोल्ड की कीमतें इंटरनेशनल बेंचमार्क कीमतों से ज्यादा मुख्यतया इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से होती है। हालांकि करेंसी की वैल्यू में बदलाव और डिमांड-सप्लाई भी इस बात को कुछ हद तक तय करते हैं कि आखिर घरेलू कीमतें डिस्काउंट या प्रीमियम में रहेंगी।
GJEPC कीमती धातुओं पर आयात शुल्क को मौजूदा 15 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी करने की मांग कर रही है। बजट 2024 (Budget 2024) में कटे और पॉलिश किए गए हीरों पर सीमा शुल्क को मौजूदा 5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी करने की मांग की गई है।
(GJEPC) ने सरकार से बजट 2024 में सोने और कटे व पॉलिश किए गए हीरों पर आयात शुल्क कम करने का आग्रह किया है। काउंसिल ऐसा इसलिए चाहती है ताकि सेक्टर को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिल सके। भारत का रत्न और आभूषण उद्योग सोना, हीरे, चांदी और रंगीन रत्नों सहित कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है।