“सदियों की दोस्ती, आपसी सम्मान और बंधुत्व की गहरी भावना से पोषित” मालदीव-भारत संबंधों पर प्रकाश डालते हुए द्वीपीय देश के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शुक्रवार को भारत को उसके 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दीं। “मालदीव की सरकार और जनता की ओर से” राष्ट्रपति का “भारत की सरकार और जनता को” अभिवादन, कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद की पृष्ठभूमि में आया। ये राजनीतिक गतिरोध चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में शपथ लेने के बाद सामने आया था।
विदेश मंत्री मूसा जमीर और दो पूर्व राष्ट्रपतियों, मोहम्मद नशीद और इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भी अपने सोशल मीडिया मंच पर भारत को शुभकामनाएं दीं। मुइज्जू के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को अलग-अलग भेजे गए शुभकामना संदेशों में उन्हें देश के लोगों की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
बयान में मुइज्जू ने “सदियों की दोस्ती, आपसी सम्मान और बंधुत्व की गहरी भावना से पोषित मालदीव-भारत संबंधों को रेखांकित किया”, और आने वाले वर्षों में भारत की सरकार और लोगों के लिए “निरंतर शांति, प्रगति और समृद्धि” की आशा व्यक्त की। विदेश मंत्री जमीर ने अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर और भारत के मैत्रीपूर्ण लोगों को “हार्दिक बधाई और सच्ची शुभकामनाओं” के साथ बधाई दी। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे विश्वास है कि मालदीव और भारत के बीच दोस्ती और सहयोग के करीबी रिश्ते आने वाले वर्षों में भी फलते-फूलते रहेंगे।”
राजनयिक विवाद तब शुरू हुआ जब मुइज्जू ने अपने शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर भारत से द्वीपीय राष्ट्र से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की मांग की। इसके बाद परंपरागत रूप से राष्ट्रपति के अपने पहले विदेश दौरे पर भारत आने के बजाय चीन का दौरा करने ने भी रिश्तों में खटास को बढ़ाया। मालदीव के तीन मंत्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ पोस्ट करने से मामला और बिगड़ गया।