केरल की एक अदालत ने कुल 14 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है. इन सभी का ताल्लुक पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से है. पीएफआई को अब पूरे देश में प्रतिबंधित कर दिया गया है. इन सभी 14 दोषियों को भारतीय जनता पार्टी के ओबीसी नेता रंजीथ श्रीनिवासन की हत्या के संबंध में फांसी की सजा हुई है.
इन 14 दोषियों के अलावा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी एसडीपीआई से जुड़े 1 कार्यकर्ता को भी फांसी की सजा उच्च न्यायलय ने सुनाया है. इस तरह कुल 15 लोगों को श्रीनिवासन की हत्या मामले में सजा हुई है. केरल की अलाप्पूझे एडीजे अदालत ने रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के दोषी इन सभी 15 पीएफआई और एसडीपीआई सदस्यों को मौत की सजा सुनाई है. सजा मावेलिककारा की एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज श्रीदेवी ने सुनाई है.
क्या है ये पूरा मामला?
19 दिसंबर, 2021 को भाजपा ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव श्रीनिवासन की हत्या कर दी गई थी. पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से जुड़े कार्यकर्ताओं ने श्रीनिवासन के परिवार के सामने उनके घर पर ही हमला कर हत्या कर दी थी. भारतीय जनता पार्टी के नेता की हत्या एसडीपीआई नेता केएस शान की के बाद हुई थी. की 18 दिसंबर को केएस शान की हत्या एक गिरोह ने कर दी थी. इस हत्या के कुछ ही घंटों के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता श्रीनिवासन की हत्या कर दी गई. यह तब हुआ जब श्रीनिवासन अलाप्पूझे में अपने घर लौट रहे थे.
PFI, SDPI क्या हैं?
पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एक इस्लामिक राजनीतिक संगठन है. अपने चरंमपंथी गतिविधियों के जरिये अल्पसंख्यकों की राजनीति करने के कारण पीएफआई को साल 2022 के सितंबर महीने में पांच साल के लिए बैन कर दिया गया. भारत सरकार की होम मिनिस्ट्री ने इस संगठन को यूएपीए के तहत बैन किया है. एसडीपीआई यानी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया एक राजनीतिक दल है. इसकी स्थापना साल 2009 के जून महीने में हुई थी.