छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला मुख्यालय पर मंगलवार को एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जब आईएएस अधिकारी और जिला पंचायत की सीईओ तपस्या सिंह परिहार ने निलंबित चल रहे एक शिक्षक को अपने चेम्बर से गिरफ्तार करा दिया। दरअसल, सस्पेंड टीचर विशाल अस्थाना अपनी जांच को ठंडे बस्ते में डालने और बहाली के लिए जिला पंचायत CEO तपस्या परिहार को आवेदन पत्र के साथ 50 हजार रुपये से भरा रिश्वत का लिफाफा देने पहुंच गया। मामले की गंभीरता को समझते हुए जिला पंचायत CEO ने तुरंत सिटी कोतवाली पुलिस को बुलाया और टीचर को रकम सहित पुलिस के हवाले कर दिया। अब कोतवाली पुलिस जिला पंचायत CEO की शिकायत पर आगे की कार्रवाई कर रही है।
जानकारी के अनुसार, जिले में सटई संकुल के कुपिया गांव स्थित माध्यमिक स्कूल में शिक्षक विशाल अस्थाना पदस्थ है। विधानसभा चुनाव के दौरान यह शिक्षक लगातार अपनी ड्यूटी से गायब रहा। इस दौरान उसने चुनाव संबंधी प्रशिक्षण में भी हिस्सा नहीं लिया। लगातार अनियमितताएं करने पर कलेक्टर संदीप जीआर ने शिक्षक विशाल अस्थाना को निलंबित कर दिया। तब से विशाल अस्थाना अपनी बहाली के लिए प्रयास कर रहा था। मंगलवार की शाम 5 बजे अचानक यह शिक्षक जिला पंचायत CEO तपस्या परिहार के कक्ष में पहुंचा और अपनी बहाली के लिए एक आवेदन दिया। साथ ही 50 हजार रुपए से भरा लिफाफा जिला पंचायत CEO की टेबल पर रख दिया।
शिक्षक की यह हरकत देखकर पहले तो उन्होंने उसे फटकार लगाई इसके बाद पुलिस को सूचना दी। सिटी कोतवाली टीआई अरविंद कुजूर टीम के साथ जिला पंचायत पहुंचे। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने इस टीचर को खुलेआम जिला पंचायत CEO को रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने टीचर पर आईएएस अधिकारी को रिश्वत देने का मामला दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।