यशस्वी जायसवाल ने विशाखापट्टनम में किया कमाल. टेस्ट क्रिकेट में अपने पहले दोहरे शतक की स्क्रिप्ट लिखी बेमिसाल. एक छोर पर जहां बाकी भारतीय बल्लेबाजों को इंग्लैंड के गेंदबाज आउट करने में सफलता हासिल करते दिखे. वहीं दूसरे छोर पर यशस्वी जायसवाल चट्टान की तरह खड़े नजर आए. वो अकेले ही अड़े और इंग्लैंड के हर एक गेंदबाज से लोहा लेते दिखे. फिर वो मौका भी आ गया जब उनके बल्ले से दोहरा शतक निकला. 22 साल के जायसवाल टेस्ट में दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय़ हैं. दोहरा शतक जड़ते हुए यशस्वी ने भारतीय क्रिकेट में 4 साल का सूखा भी खत्म किया.
यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ वाइजैग टेस्ट की पहली पारी में दोहरा शतक जड़ा. उन्होंने 290 गेंदों का सामना किया, जिस पर 7 छक्के और 19 चौके की मदद से 209 रन बनाए. ये उनके टेस्ट करियर की पहली डबल सेंचुरी रही, जो कि क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में उनका सबसे बड़ा स्कोर भी है. इससे पहले टेस्ट में उनका बेस्ट स्कोर 171 रन का था.
3 फिफ्टी प्लस साझेदारियों में पार्टनर रहे यशस्वी
यशस्वी जायसवाल को दूसरे दिन के पहले सेशन में एंडरसन ने आउट किया. अपनी इनिंग के दौरान वो 3 अर्धशतकीय साझेदारियों में पार्टनर रहे. जायसवाल ने सबसे बड़ी पार्टनरशिप 90 रन की श्रेयस अय्यर के साथ की. यशस्वी ने दूसरे दिन पहले दिन के अपने स्कोर 179 रन से आगे खेलना शुरू किया था. दूसरे दिन वो अपने स्कोर में 30 रन और जोड़ सके. हालांकि, ये रन उनके पहले दोहरे शतक की स्क्रिप्ट के लिए काफी रहे.
यशस्वी जायसवाल के दोहरे शतक की बड़ी बातें
यशस्वी जायसवाल के दोहरे शतक की सबसे खास बात ये रही कि इससे भारतीय क्रिकेट में 4साल का सूखा खत्म हुआ है. दरअसल, 4 साल से कोई भी बल्लेबाज टेस्ट में दोहरा शतक नहीं लगा पाया था. आखिरी बार दोहरा शतक मयंक अग्रवाल ने साल 2019 में जड़ा था. इस सूखे को खत्म करते हुए जायसवाल टेस्ट में दोहरा शतक लगाने वाले विनोद कांबली और सुनील गावस्कर के बाद तीसरे सबसे युवा भारतीय भी बने.
यशस्वी जायसवाल ने टेस्ट में अपने पहले दोहरे शतक का दीदार 10वीं इनिंग में किया है. इससे पहले खेली 9 पारियों में उनके नाम 1 शतक और 2 अर्धशतक हैं. यशस्वी जायसवाल टेस्ट में दोहरा शतक लगाने वाले 25वें भारतीय हैं.