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पार्टी की अनदेखी या राहुल गांधी से खटास, जानें कांग्रेस से क्यों दूर हुए कमल नाथ

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भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों बड़े बदलाव की सुगबुगाहट है। कारण है मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता (कमल नाथ Congress Leader Kamalnath)। दरअसल, अटकलें हैं कि कमल नाथ अपने बेटे नकुल नाथ जो कि छिंदवाड़ा से सांसद भी है, उनके साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। उनके साथ कई विधायक, पूर्व विधायक और कई कांग्रेस नेता भी पार्टी को अलविदा कह सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद कांग्रेस को मध्य प्रदेश में ये दूसरा बड़ा झटका है।

हालांकि पुराने घटनाक्रमों पर नजर डाले तो कमल नाथ की कांग्रेस से खटास अचानक नहीं बड़ी है, इसकी शुरुआत विधानसभा चुनाव के बाद से ही मानी जा सकती है, जो कि राज्‍यसभा चुनाव (Rajyasabha Election) पर आकर खत्‍म होती है।

दरअसल, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) को करारी हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद हार का ठिकरा कमल नाथ के सिर पर फूटा और राहुल गांधी की नाराजगी के बाद कमल नाथ को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, यहां तक कि कमल नाथ को सदन में नेता प्रतिपक्ष तक का पद नहीं दिया गया और उमंग सिंघार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद से ही कमल नाथ प्रदेश की राजनीति से दूर चल रहे थे और उन्होंने दिल्ली जाने का मन बना लिया था।

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हुए विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला को प्रदेश प्रभारी बनाया था, तब कमल नाथ के हाथ में कांग्रेस की चुनावी बागडोर थी। उस दौरान सुरजेवाला और कमल नाथ के बीच कई मुद्दों पर असह‍मति थी। नाथ के नजदीकी सूत्र तो यह भी कहते हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी बनाए गए रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे नेता दिल्ली में रहकर उनके खिलाफ विष उगल रहे हैं और सुनियोजित ब्रीफिंग भी कर रहे हैं। बाद में कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को दिल्ली बुलाकर बात की गई थी।

मध्य प्रदेश में खाली हुई राज्यसभा की पांच सीटों पर चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी के तौर पर कमल नाथ का नाम भी चला था। विधायकों की संख्या के लिहाज से कांग्रेस केवल एक प्रत्याशी को ही टिकट दे सकती थी और तय माना जा रहा था कि कांग्रेस से कमल नाथ राज्यसभा जा सकते हैं, लेकिन कांग्रेस ने एन वक्त पर टिकट अजय सिंह को दे दिया और कमल नाथ के हाथ इस बार भी खाली रह गए।

विधानसभा चुनाव के बाद से ही कमल नाथ हाशिए हो गए और उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। वहीं अब अटकलें हैं कि कमल नाथ आज अथवा कल में भाजपा का दामन थाम सकते हैं। इसके लिए उन्होंने दिल्ली में डेरा जमा लिया है, यहां तक कि कमल नाथ के समर्थक भी दिल्ली पहुंचना शुरू हो गए हैं।

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