लुधियाना: गत 13 फरवरी को दुगरी रोड स्थित कंगनवाल इलाके में किराये के बेहड़े में माफिया द्वारा गैस सिलैंडर की पलटी मारने के दौरान हुए दर्दनाक हादसे में 4 बच्चों सहित कई लोगों के आग में बुरी तरह झुलस जाने के बावजूद भी पुलिस एवं जिला प्रशासन में कोई सबक नहीं लिया है। काबिले गौर है कि गैस सिलैंडर ब्लास्ट हादसे के दौरान भड़की भयानक आग की लपटों में आए 7 व्यक्ति बुरी तरह से झुलस गए हैं ऐसे में इलाज के लिए चंडीगढ़ स्थित पी.जी.आई. अस्पताल सहित शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती अधिकतर पीड़ित जिंदगी और मौत के बीच की लड़ाई लड़ रहे हैं। हालांकि सूत्रों की माने तो हादसे दौरान गंभीर रूप से घायल हुए एक पीड़ित की कथित दर्दनाक मौत भी हो चुकी है।
इस सारी घटना का हैरानी जनक पहलू यह है कि कंगनवाल पुलिस चौकी के इंचार्ज एस.आई. जसवीर सिंह दावा ठोक रहे हैं कि हादसे के दौरान मौके पर कोई गैस सिौंडर ब्लास्ट नहीं हुआ है और ना ही अस्पतालों में उपचाराधीन किसी व्यक्ति की मौत हुई है जबकि पीड़ित परिवारों के सदस्य वह पूरी मीडिया द्वारा प्रमुखता के साथ समाचार प्रकाशित किए गए हैं कि किराए के बेहडे़ में गैस माफिया के गुर्गों द्वारा गैस की पलटी करने के कारण गैस सिलैंडर ब्लास्ट हुआ है जिसके कारण पीड़ित अस्पतालों में सांसों के लिए जंग लड़ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक हादसे दौरान बुरी तरह से झुलसा एक घायल जिंदगी की जंग हार मौत की आगोश में समा गया है। मामले संबंधी सवाल किए जाने पर जसवीर सिंह ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है अब यहां सवाल खड़ा होता है कि क्या जसवीर सिंह जानबूझकर के इलाके में हुए इस बड़े दुख पर पर्दा डाल रहे हैं या फिर सच में उन्हें मामले की जानकारी नहीं है और अगर सच में पुलिस को इलाके में हो रही गैर कानूनी गतिविधियों संबंधी कोई जानकारी नहीं है तो यह पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ गंभीर सवारियां निशान खड़े करता है।
इस एपीसोड में चौंकाने वाली अहम सच्चाई यह भी है कि इतने खौफनाक हादसे के बावजूद कंगनवाल इलाके सहित जहां शिमलापुरी इलाके में मामा भांजा गैस ब्लैक करने का गोरख धंधा जोरों शोरों से चला रहे हैं। वही जालंधर बाईपास, सलेम टाबरी, बस्ती जोधेवाल, शिवपुरी, भट्टियां,अमन नगर नजदीक काली कांत चौक और विशेष तौर पर मेहरबान इलाके में सक्रिय गैस माफिया द्वारा पुलिस थानों से मात्र कदमों की दूरी पर बेखौफ ‘मौत’ का काला कारोबार धड़ल्ले से चलाया जा रहा है जबकि इस गंभीर मामले में खाकी पूरी तरह से तमाशाबीन बनी हुई है। यहां ऐसा नहीं है कि अपने इलाके में चल रहे मौत के काले कारोबार संबंधी थाना पुलिस को कोई खबर नहीं है बल्कि अधिकतर थानों में तैनात निचले स्तर के पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ तो इलाका निवासियों द्वारा समय समय पर माफिया के गैर कानूनी अड्डों पर हाजिरी भरते हुए अपनी जेब गर्म करने तक के कथित आरोप लगाए जा रहे हैं और तो और जब कभी इलाके में गैस सिलैंडर फटने या फिर आग लगने जैसी कोई जानलेवा घटना घटित होती है और मामले संबंधी मीडिया में खबरें प्रकाशित होने पर उक्त पुलिस कर्मचारी गैस माफिया के गुर्गों के साथ याराना निभाते हुए माफिया को कुछ दिनों के गैस की पलटी मारने का काम बंद कर शांत रहने या फिर चोरी छुपे गैर कानूनी काम करने तक की सलाह भी देते है।
क्या कहते हैं ए.सी.पी.
ए.सी.पी. नार्थ आई.पी.एस, अधिकारी जयंत पुरी ने कहा घरेलू गैस की कालाबाजारी करने वाले माफिया के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 420 सहित 7 ई.सी. के तहत मामले दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा गैस माफिया के खिलाफ उनके द्वारा अपने स्तर पर नजर रखी जा रही है और इस गम्भीर मामले में गैस कालाबाजारियों के साथ पुलिस कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ भी बनती विभागीय कार्रवाई की जाएगी। ए.सी.पी. जयंत पुरी ने कहा इस मामले में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से क्लियर है कि इलाके में गैर कानूनी काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा चाहे कोई भी क्यों ना हो।