तेजी से बढ़े मौसमी बीमारियों के मरीज, हर रोज ओपीडी पहुंच रहे 300 से ज्यादा मरीज, डॉक्टरों ने जारी की एडवाइजरीइंदौर। बदलते मौसम के कारण मौसमी बीमारियां जैसे सर्दी-खांसी, मलेरिया, निमोनिया टाइफाइड, डेंगू, कोरोना के साथ वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। अगर हम बात करें मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी और स्वच्छता में नम्बर वन शहर इंदौर कि तो यहां मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। वैसे तो आम दिनों में ओपीडी में करीब 50 मरीज होते हैं, लेकिन मौसम बदलने के कारण मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है जिस वजह से सरकारी अस्पताल की ओपीडी में हर रोज 300 के करीब मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं लगाता पढ़ रहे मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस तरह के मौसम में लोगों के बीमार होने का कारण इंफेक्शन लगातार बढ़ता जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। सरकारी अस्पताल की ओपीडी प्रतिदिन 300 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में केवल 20 हजार मरीज एमवाय की ओपीडी में पहुंचे हैं। वहीं इन मरीजों में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल है। जिसे ध्यान में रखते हुए डॉक्टर ने एडवाइजरी जारी कर सलाह दी है कि खट्टे और ठंडा खाने का सेवन न करें, गुनगुना पानी पिएं। इसके साथ ही छोटे बच्चों का खास तौर से ध्यान रखा जाएं।
इंदौर। बदलते मौसम के कारण मौसमी बीमारियां जैसे सर्दी-खांसी, मलेरिया, निमोनिया टाइफाइड, डेंगू, कोरोना के साथ वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। अगर हम बात करें मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी और स्वच्छता में नम्बर वन शहर इंदौर कि तो यहां मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। वैसे तो आम दिनों में ओपीडी में करीब 50 मरीज होते हैं, लेकिन मौसम बदलने के कारण मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है जिस वजह से सरकारी अस्पताल की ओपीडी में हर रोज 300 के करीब मरीज पहुंच रहे हैं।
वहीं लगाता पढ़ रहे मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस तरह के मौसम में लोगों के बीमार होने का कारण इंफेक्शन लगातार बढ़ता जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है। सरकारी अस्पताल की ओपीडी प्रतिदिन 300 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में केवल 20 हजार मरीज एमवाय की ओपीडी में पहुंचे हैं। वहीं इन मरीजों में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल है। जिसे ध्यान में रखते हुए डॉक्टर ने एडवाइजरी जारी कर सलाह दी है कि खट्टे और ठंडा खाने का सेवन न करें, गुनगुना पानी पिएं। इसके साथ ही छोटे बच्चों का खास तौर से ध्यान रखा जाएं।