उत्तर प्रदेश के लिए 27 फरवरी, मंगलवार का दिन राजनीतिक उठापटक और दांवपेंच वाला रहने वाला है. राज्यसभा की 10 सीटों पर मंगलवार को चुनाव होना है लेकिन 11 प्रत्याशी मैदान में हैं. आठ प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी ने उतारा है जबकि तीन प्रत्याशी समाजवादी पार्टी की ओर से जोर आजमाइश कर रहे हैं. सपा के तीनों उम्मीदवारों को जीतने के लिए कुल 111 वोट की दरकार होगी लेकिन पार्टी के पास अपने विधायक 108 ही हैं, ऊपर से अंदरुनी बगावत ने अखिलेश के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. इसके अलावा अब तक सपा की सहयोगी रही राष्ट्रीय लोक दल ने बीजेपी के साथ गठजोड़ कर ली है और सपा की अपनी विधायक पल्लवी पटेल भी अखिलेश को आंख दिखा रही हैं.
पल्लवी को राज्यसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के चयन पर आपत्ति थी. उनका कहना था कि पार्टी पिछड़ा, दलित और आदिवासी की बात करती है लेकिन उम्मीदवार उसने राज्यसभा चुनाव के लिए उस हिसाब से नहीं चुने. सपा ने पूर्व नौकरशाह आलोक रंजन, जया बच्चन और रामजी लाल सुमन को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है, पल्लवी पटेल को इन नामों से आपत्ति है और वे तय कर चुकी हैं कि वे सपा की पार्टी लाइन के खिलाफ वोटिंग करेंगी. सपा के विधायक रमाकांत यादव और इरफान सोलंकी जेल में बंद हैं. सपा के एक और विधायक का निधन हो चुका है. ऐसे में पार्टी के लिए जरुरी 111 की संख्या जुटा पाना काफी मुश्किल साबित हो सकता है.
राजा भईया ने खोले अपने पत्ते
अखिलेश यादव को उम्मीद थी कि रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया खुद और उनकी पार्टी के एक और विधायक समाजवादी पार्टी के विधायकों के पक्ष में मतदान करेंगे मगर अब राजा भईया ने आखिरी मौके पर अपने पत्ते खोले हैं. राजा भईया ने कहा है कि, जनसत्ता दल का वोट भारतीय जनता पार्टी के साथ है. इस तरह अखिलेश यादव के लिए की लिए स्थिति चिंताजनक हो गई है. सपा को आस थी कि राजा भैया और उनकी पार्टी के विधायक विनोद सोनकर सपा के प्रत्याशी को वोट देंगे मगर अब ये आस टूट गई है.
रितेश पांडे के पिता बिगाड़ेंगे खेल?
अखिलेश के लिए एक दूसरी मुसीबत और खड़ी हो गई है. कल तक बहुजन समाज पार्टी के टिकट से सांसद रितेश पांडे ने भारतीय जनता पार्टी का अब दामन थाम लिया है. पांडे अम्बेडकर नगर सीट से बसपा के सांसद थे. अब चूंकि रितेश पांडे ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. सवाल उठता है कि उनके पिता, राकेश पांडे जो कि समाजवादी पार्टी से विधायक हैं, क्या सपा को वोट करेंगे या फिर वह भी राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं? अगर वह क्रॉस वोटिंग करते हैं तो फिर अखिलेश के लिए और मुश्किल हो जाएगी.