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दिल्ली की सिर्फ 1,731 अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मिलेगा मालिकाना हक

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नई दिल्ली। Unauthorized Colonies in Delhi: सप्ताह भर पहले घोषणा भले ही 1,797 कॉलोनियों को नियमित करने की हुई हो, लेकिन मालिकाना हक केवल 1,731 अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को ही मिलेगा। इन कॉलोनियों की सूची में से 66 कॉलोनियों के नाम हटा दिए गए हैं। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय (Union Ministry of Housing and Urban Development) द्वारा मंगलवार को इस आशय की गजट अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

1,797 में 66 अनधिकृत कॉलोनियां नहीं होंगी नियमित

उपराज्यपाल अनिल बैजल ( Delhi Lieutenant Governor (LG) Anil Baijal) द्वारा केंद्र सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में कुल 18 सौ अनधिकृत कॉलोनियों के नाम शामिल थे। इनमें से सैनिक फार्म, अनंतराम डेयरी व महेंद्रू एंक्लेव के नाम तो पहले ही बाहर हो गए थे। घोषित 1,797 कॉलोनियों में से भी विभिन्न कारणों के चलते 66 अनधिकृत कॉलोनियों के नाम हटा दिए गए हैं।

डीडीए ने महंगी जमीन वाली कॉलोनियों का नाम सूची से हटाया

दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development Authority) अधिकारियों के मुताबिक यह वे कॉलोनियां हैं, जो वन विभाग, यमुना खादर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (Archaeological Survey of India) की जमीन और मास्टर प्लान रोड पर बसी हुई हैं। केंद्र सरकार का मानना है कि इन कॉलोनियों में जमीन काफी महंगी है, इसलिए इन्हें इतने सस्ते दाम पर नियमित करने की छूट नहीं दी जा सकती। इन कॉलोनियों में प्लॉट भी बड़े आकार वाले हैं और उनमें रहने वाले भी सियासी रसूख रखने वाले और आर्थिक रूप से संपन्न लोग हैं।

केंद्र सरकार का सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय बना रहा पोर्टल

डीडीए के जिस पोर्टल पर उक्त कॉलोनियों के निवासी मालिकाना हक के लिए आवेदन करेंगे, वह भी कोई निजी एजेंसी नहीं बल्कि केंद्र सरकार का सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तैयार कर रहा है। यह पोर्टल ढाई से तीन माह में तैयार हो जाएगा।

एक साथ नहीं होगा सभी कॉलोनियों पर काम

1,731 कॉलोनियों का नियमितीकरण एक साथ नहीं बल्कि कुछ-कुछ कॉलोनियों के समूह में किया जाएगा। डीडीए अधिकारियों के मुताबिक अभी इन सभी कॉलोनियों की मैङ्क्षपग का काम चल रहा है। इसके पश्चात इनकी चारदीवारी की जाएगी। जिस कॉलोनी की मैङ्क्षपग और चारदीवारी हो जाएगी, उसका पोर्टल पर पंजीकरण होने लगेगा।

सर्किल रेट पॉश कॉलोनी का, लेकिन देना होगा महज 0.5 फीसद

अभी यह अनधिकृत कॉलोनियां किसी भी सर्किल में शामिल नहीं हैं। इसलिए इनकी जमीन का कोई सर्किल रेट भी नहीं है। इसके लिए यह फार्मूला निर्धारित किया गया है कि जिस अनधिकृत कॉलोनी के पास, जो पॉश कॉलोनी लगती होगी, उसे उसी सर्किल में शामिल कर लिया जाएगा। ऐसे में उसका सर्किल रेट भी वही हो जाएगा जो समीपवर्ती पॉश कॉलोनी का है। हालांकि केंद्र सरकार ने फिलहाल इन कॉलोनियों के निवासियों को बड़ी राहत देते हुए सर्किल रेट के हिसाब से भी महज 0.5 फीसद का ही भुगतान करने को कहा है।

तरुण कपूर (उपाध्यक्ष, डीडीए दिल्ली) का कहना है कि  केंद्र सरकार के निर्देशानुसार डीडीए ने अपना काम शुरू कर दिया है। कॉलोनियों की मैपिंग के बाद इनकी चारदीवारी करने और पोर्टल तैयार होते ही मालिकाना हक के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जनवरी या फरवरी में कॉलोनियों को नियमित करने का काम आरंभ हो जाएगा।

यहां देखिए लिस्ट

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