वो कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी कि लालच बुरी बला है. आज शेयर बाजार में भी यही देखने को मिला. सेबी चेयरपर्सन के छोटे शेयरों पर सख्त बयान के बाद भी जिसने लालच किया उसे आज भारी नुकसान उठाना पड़ा.भारतीय शेयर बाजार निवेशकों के लिए बुधवार का दिन बेहद डरावना रहा है. दिसबंर 2022 के बाद से बाजार में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट रही. बीएसई का सेंसेक्स दिन के हाई से 1500 अंक लुढ़क गया. कारोबार के अंत में सेंसेक्स में 906 अंकों की बड़ी गिरावट रही और यह 72,671.89 पर बंद हुआ. वहीं एनएसई की निफ्टी की बात करें तो यहां भी तगड़ी गिरावट रही. निफ्टी 338 अंक गिरकर 21,997.70 अंकों पर बंद हुआ.
बुधवार को बाजार के इस गिरावट में सबसे ज्यादा पिटाई स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स की हुई. दरअसल इस गिरावट के पीछे मार्केट रेगुलेटर सेबी के चेयरपर्सन का वो सख्त बयान है. जिसमें उन्होंने कहा था कि छोटे और मिड शेयरों में हेराफेरी के संकेत मिल रहे है. बुधवार के इस गिरावट में निवेशकों को करीब 14 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
छोटे शेयरों का बुरा हाल
सेबी चेयरपर्सन माधवी बुच ने निवेशको को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा था कि बाजार ओवरवैल्युड है. इसकी वजह छोटे और मंझौले शेयरों की कैटेगरी में हेराफेरी है. सेबी को इसके संकेत मिले थे कि इस सेगमेंट में हेराफेरी हो रही है. सेबी के इस बयान के बाद से इस सेगमेंट के शेयरों में बिकवाली शुरू हो गई थी. इन शेयरों से निवेशकों ने पैसा निकालना शुरू कर दिया. बुधावार के दिन यह बिकवाली और बढ़ी और स्मॉलकैप इंडेक्स में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट में बदल गया. बुधवार को इस सेगमेंट में 5 फीसदी की जोरदार गिरावच रही. डीबौक इंडस्ट्रीज जैसे शेयर तो 52 हफ्ते के लो पर बंद हुए.
यहां भी मचा हाहाकार
स्मॉलकैप इंडेक्स के अलावा मिडैकैप शेयरों की भी जमकर पिटाई हुई. मिडकैप में भी 3 फीसदी की तेज गिरावट दर्ज की गई. बाजार में आज की गिरावट के अन्य कारण अमेरिका भी रहा. दरअसल अमेरिका मुद्रास्फिति का उम्मीद से अधिक बढ़ गई है. इससे चिंता ये बढ़ गई है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती नहीं करने वाला है. इस कारण का असर भी भारतीय शेयर बजार पर देखने को मिला.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मार्केट एक्सपर्ट अरुण केजरीवाल ने टीवी 9 को बताया कि सेबी के बयान के बाद से ही बिकवाली शुरू हो गई. हमने भी निवेशकों को सलाह दी कि वो जितना जल्दी हो इन शेयरों को बेच कर बाहर निकल जाए. लेकिन कहते हैं कि लालच बुरी बला है. और आज बाजार की गिरावट ने यह साबित कर दिया. केजरीवाल का कहना है कि बाजार में जब भी इस तरह की बड़ी गिरावट आती है तो उसका असर कम से कम 2 से 3 दिन तो दिखता ही है.
आगे क्या करें
अरुण केजरीवाल का कहना है कि अब उन निवेशकों के पास मजबूरी बन गई है इन छोटे शेयरों में बने रहने की. हालांकि स्मॉलकैप सेगमेंट में सोमवार से रिकवरी की उम्मीद की जा रही है. ऐसे में जो निवेशक लंबी अवधि के लिए बाजार में निवेश कर रहे हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. बाजार जब भी ओवरवैल्यू होता है तो वहां करेक्शन दिखता ही है. उपर से सेबी ने जब छोटे और मंझौले शेयरों में हेराफेरी के संकेत दे दिए थे तब भी निवेशकों को सतर्क हो जाना चाहिए था. जिन निवेशकों ने इसमें सतर्कता दिखाई और बिकवाली कर ली होगी वो आज इस भारी गिरावट में भी सेफ रहे होंगे.