टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की और 4-1 से इसे अपने नाम कर लिया. टीम इंडिया की ये जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि कई सीनियर खिलाड़ी टीम सीरीज का हिस्सा नहीं थे और युवा चेहरों के साथ मिलकर भारत ने ये सीरीज जीती. इसके लिए कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ की जमकर तारीफ हो रही है. इसके बावजूद ये जीत उस गम और दर्द को नहीं कम कर सकी, जो पिछले करीब 4 महीनों से भारतीय फैंस महसूस कर रहे हैं और जिसे लेकर रोहित और द्रविड़ पर अपने ही लोगों ने सवाल उठा दिए हैं.
ये दर्द है वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल का, जिसे टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के हाथों गंवा दिया था. अपने ही घर में खेले गए इस टूर्नामेंट में रोहित-द्रविड़ के नेतृत्व में टीम इंडिया ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था और लगातार 10 मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी. इसके बावजूद फाइनल में आकर उसका प्रदर्शन एकदम ढीला दिखा और ऑस्ट्रेलिया ने घर में खिताब जीतने के भारत के सपने को तोड़ दिया.
फाइनल की पिच पर बवाल
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में करीब एक लाख दर्शकों के सामने खेले गए इस फाइनल में के दौरान और इसके बाद पिच का मुद्दा लगातार बना रहा. बार-बार ये बात होती रही कि टीम इंडिया के आदेश पर जानबूझकर धीमी पिच बनाई गई, ताकि ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाजी की ताकत बेअसर हो जाए. भारतीय टीम मैनेजमेंट ने लगातार इन आरोपों से इनकार किया लेकिन अब तो लगातार टीम इंडिया का सपोर्ट करने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने भी कोच और कप्तान को घेर लिया है और बता दिया कि भारतीय टीम ने पिच की ‘डॉक्टरिंग’ यानी पिच में गलत तरह से बदलाव करवाए थे.
कैफ ने लगाए आरोप
पूर्व भारतीय बल्लेबाज कैफ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में वर्ल्ड कप फाइनल की हार पर चर्चा की और जब पिच को लेकर सवाल आया तो उन्होंने सीधे-सीधे बोल दिया कि रोहित और द्रविड़ ने पिच में बदलाव करवाया. कैफ ने कहा कि फाइनल से पहले लगातार 3 दिन तक वो मैदान से शो कर रहे थे और इस दौरान रोज रोहित और द्रविड़ आकर पिच देख रहे थे. कैफ ने दावा किया कि उन्होंने पिच का रंग अपनी आंखों से बदलते हुए देखा है. कैफ ने इसका मतलब समझाते हुए कहा कि पिच से जबरन घास हटवा दी गई और पानी भी कम डलवाया गया ताकि ये सूखी रहे और तेज गेंदबाजों को मदद न मिले.
कैफ ने साथ ही खुलासा किया कि चाहे कोई भी कोच या कप्तान दावा करे कि वो क्यूरेटर को कुछ नहीं कहते है और क्यूरेटर अपनी मर्जी से काम करता है. कैफ ने ऐसे बयानों को पूरी तरह झूठ और बकवास बताया और कहा कि घरेलू परिस्थितियों में इसका फायदा लिया जाना चाहिए लेकिन फाइनल में भारतीय टीम ने ‘डॉक्टरिंग के चक्कर में अपना ही नुकसान करवा दिया.
कब मानेंगे द्रविड़-रोहित अपनी गलती?
असल में ये फाइनल पहले से ही इस्तेमाल की गई पिच पर खेला गया था, जो कि कम ही होता है. टूर्नामेंट से पहले ICC के स्वतंत्र पिच सलाहकार ने बीसीसीआई के क्यूरेटर्स के साथ मिलकर सेमीफाइनल और फाइनल के लिए पिच तय की थी और फ्रेश पिच पर खेलने का फैसला हुआ था लेकिन फाइनल आते-आते ये स्थिति बदल गई. ये मुकाबला पहले से इस्तेमाल की गई पिच पर हुआ, जिस पर भारत ने पाकिस्तान को हराया था. सिर्फ इतना ही नहीं, पिच पर पानी भी कम डाला गया था और अब कैफ का खुलासा भी इसकी पुष्टि करता है. सवाल ये है कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ अपनी गलती कब मानेंगे कि पिच को लेकर उनका प्लान पूरी तरह गलत था?