भाई दूज का त्योहार भारत के मुख्य और लोकप्रिय त्योहारों में से एक माना जाता है. यह त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. भाई दूज का यह त्योहार साल में 2 बार मनाया जाता है. एक तो होली के बाद जोकि आज मनाया जा रहा है और दूसरा भाई दूज दिवाली के बाद मनाया जाता है.
इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की प्रार्थना के लिए और उनके सभी दुःख और कष्टों के नाश की कामना के साथ भाइयों का तिलक करती हैं. और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं. साथ ही बहनें अपने भाइयों को भोजन अपने घर बुलाकर कराती हैं और भाई अपनी बहन को मिठाई के साथ साथ उपहार भी देते हैं. भाई दूज को भातृ द्वितीया भी कहा जाता है.
होली भाई दूज का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार आज यानी 27 मार्च को भाई दूज के दो शुभ मुहूर्त हैं. इन दोनों ही शुभ मुहूर्त पर बहनें अपने भाइयों का तिलक कर सकती हैं.
पहला मुहूर्त : सुबह 10 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है.
दूसरा शुभ मुहूर्त : दोपहर 03 बजकर 31 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 04 मिनट तक रहेगा.
आज होली भाई दूज पर ऐसे करें भाई का तिलक
होली भाई दूज के दिन शुभ मुहूर्त का ध्यान जरूर रखना चाहिए. आज के दिन बहनों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके नए स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद एक धातु की छोटी कटोरी या पात्र में केसर और लाल चंदन का तिलक रखना चाहिए और इस पात्र में चावल के कुछ दाने भी रखने चाहिए.
अब भगवान की पूजा करें और सबसे पहले भगवान गणेश और फिर भगवान विष्णु को तिलक करना चाहिए. दोनों देवताओं का तिलक करने के बाद अपने भाई को पूजा स्थल पर बैठाएं. ध्यान रहे कि भाई को इस तरह से बैठाएं कि उसका चेहरा पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए.
इसके बाद बहन को भाई का केसर और चंदन से तिलक करना चाहिए और फिर चावल अर्पित करने चाहिएं. तिलक करने के बाद भाई को मिठाई या कुछ मीठा खिलाना चाहिए. इसके बाद भाई बहन में जो भी बडा है, उसके पैर छूकर उसका आशीर्वाद लेना चाहिए और एक दूसरे की लम्बी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.