महंगाई की मार झेल रही आम जनता को जल्द ही राहत मिल सकती है. दरअसल, सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध को 31 मार्च के आगे अनिश्चितकाल या अगले आदेश आदेश तक बढ़ा दिया है. वहीं, सरकार प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए किसानों से बफर स्टॉक के जरिए लाखों टन प्याज खरीदने जा रही है. इससे आम जनता को उम्मीद है कि प्याज की कीमतों पर लगाम लगेगी और वो सस्ते हो जायेंगे. बता दें, सरकार बफर स्टॉक के जरिए किसानों से 5 लाख टन प्याज खरीदेगी. सरकार ने नाफेड (NAFED) और NCCF को रबी सीजन के प्याज की खरीद शुरू करने के लिए निर्देश दे दिया गया है.
अगले आदेश तक जारी रहेगी रोक
मीडिया रिपोर्ट्स और कंज्यूमर्स अफेयर्स सेक्रेटरी के मुताबिक एक-दो दिन में विधिवत यह खरीदारी शुरू हो जाएगी. प्याज के बढ़ते दाम पर कंट्रोल के लिए सरकार ने पिछले साल दिसंबर में निर्यात पर रोक लगाई थी. इसकी डेडलाइन 31 मार्च को खत्म होनी थी. आम चुनाव करीब आने के साथ पिछले हफ्ते सरकार ने तय किया कि रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी. NCP सहित कुछ दलों ने किसानों के हितों का हवाला देकर इस फैसले पर सवाल उठाया था.
व्यापारियों पर पड़ेगा असर
पिछले साल बफर स्टॉक बनाने और जरूरत के मुताबिक बाजार में उतारने के लिए करीब 6.4 लाख टन प्याज NAFED और NCCF ने खरीदा था. लगातार चली खरीद से किसानों को उचित कीमत मिली. उस खरीदारी में ऐवरेज प्राइस 17 रुपये किलो था. अब वह स्टॉक लगभग खत्म हो चुका है. फिलहाल महाराष्ट्र की मंडियों में ऐवरेज होलसेल प्राइस 14-15 रुपये किलो है. यह पिछले साल के इसी समय के मुकाबले लगभग दोगुने पर है.
प्याज उत्पादन गिरने का अनुमान
कृषि मंत्रालय के मुताबिक, इस बार रबी सीजन में प्याज का उत्पादन 190.5 लाख टन रहने का अनुमान है. पिछले साल के 237 लाख टन के मुकाबले यह करीब 20% कम होगा. देश में सालभर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रबी सीजन काफी अहम होता है. सालाना उत्पादन में इसकी करीब 75% हिस्सेदारी होती है. स्टोर करने के लिहाज से भी यह खरीफ सीजन के प्याज से बेहतर होता है.